ganga dussehra today bathing donation festival today 8 auspicious yogas ganga dussehra auspicious day | गंगा दशहरा आज, स्नान-दान का पर्व: धरती पर गंगा अवतरण के समय जो 10 शुभ योग बने थे उनमें से 8 योग आज बन रहे हैं

16 घंटे पहले

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आज, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। पुराणों की कथाओं के अनुसार, इसी तिथि पर मां गंगा स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं, जिससे यह दिन महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है।

इस साल का गंगा दशहरा और भी खास है, क्योंकि गंगा के पृथ्वी पर अवतरण के समय बने दस दुर्लभ योगों में से आठ आज बन रहे हैं। साथ ही, पूरे दिन रवियोग का भी प्रभाव रहेगा( जो इस दिन की शुभता और बढ़ाएगा। इन दिव्य संयोगों में आज देवी गंगा की विशेष पूजा-अर्चना और गंगा स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है।

दस योगों से बना दशहरा: इस वर्ष का दुर्लभ संयोग ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, जब गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। तब ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी और उस दिन बुधवार और हस्त नक्षत्र का संयोग था। साथ ही व्यतिपात योग, गर करण, आनंद योग के साथ चंद्रमा कन्या राशि में और सूर्य वृष राशि में था।

इस साल ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण के साथ चंद्रमा कन्या राशि में और सूर्य वृष राशि में है। ऐसे दुर्लभ संयोग में गंगा पूजन और स्नान-दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वास्तव में, ऐसे आठ योगों का एक साथ बनना अत्यंत दुर्लभ माना जाता है।

पूजा विधि और मान्यताएं पुराणों में गंगा दशहरा के दिन देवी गंगा की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा की आराधना से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इसलिए, आज के दिन गंगा पूजन करते समय “ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः” मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी माना गया है।इसके अलावा भगवान भोलेनाथ की भी पूजा-अर्चना करने का विधान है, जिससे भगवान शिव और विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

शुभ मुहूर्त और दान का महत्व गंगा दशहरे का दिन सिद्ध मुहूर्त के समान शुभ फलदायी माना जाता है। इस दिन नई शुरुआत करना और कोई महत्वपूर्ण खरीदारी करना लंबे समय तक लाभ प्रदान करता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन पानी, पंखा, खरबूज, मटका (घड़ा) और आम का दान करना बेहद महत्वपूर्ण माना गया है।

दस प्रकार के पापों से मुक्ति डॉ. मिश्र बताते हैं कि ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरे पर गंगा नदी में या गंगाजल से स्नान करने से मनुष्य के दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।

तीन तरह के शारीरिक पाप: हिंसा, चोरी, व्यभिचार। चार तरह के वाचिक पाप यानी वाणी से होने वाली गलतियां : झूठ बोलना, कठोर वचन कहना, चुगली करना, निंदा करना। तीन मानसिक पाप: दूसरों की संपत्ति का लोभ, दूसरों का बुरा सोचना, झूठी चीजों पर विश्वास करना

इसी कारण हिंदू धर्म में यह कहा गया है कि जीवन में एक बार गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए। गंगा दशहरा के दिन गंगाजल का दान करने का भी विशेष महत्व है, जिससे महा पुण्य की प्राप्ति होती है।

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