Ganesh utsav is starting from 7th September, unknown facts about ganesh ji, ganesh puja vidhi in hindi | 7 सितंबर से शुरू हो रहा है गणेश उत्सव: गणपति पूजा में शिव-पार्वती, रिद्धि-सिद्धि, शुभ-लाभ और देवी संतोषी का भी करें ध्यान, दूर्वा के साथ चढ़ाएं शमी के पत्ते

43 मिनट पहले

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शनिवार, 7 सितंबर से गणेश उत्सव शुरू हो रहा है। 7 से 17 सितंबर तक सुबह-शाम गणेश जी की विशेष पूजा की जाएगी। गणपति पूजा में शिव-पार्वती, सिद्धि-सिद्धि, शुभ-लाभ और देवी संतोषी का भी ध्यान करना चाहिए।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, शिव-पार्वती के पुत्र गणेश जी के परिवार में उनकी दो पत्नियां रिद्धि-सिद्धि और दो पुत्र क्षेम यानी शुभ और लाभ हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार गणेश जी की एक पुत्री देवी संतोषी भी हैं। इन सभी की एक साथ पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

परिवार के देवता हैं गणपति

भगवान गणेश को परिवार का देवता माना जाता है यानी इनकी पूजा सपरिवार करने से घर में सुख-समृद्धि, प्रेम और शांति बनी रहती है। अगर विधिवत पूजा नहीं कर पा रहे हैं तो भगवान के सामने दीपक जलाकर दूर्वा के साथ ही शमी के पत्ते भी चढ़ाएं और मंत्र ऊँ गं गणपतयै नम: का जप करें। लड्डू का भोग लगाएं। इस तरह सामान्य पूजा भी की जा सकती है।

गणेश जी से सीखें जीवन प्रबंधन के सूत्र

गणेश जी का स्वरूप से हम जीवन प्रबंधन के सूत्र सीख सकते हैं। गणेश जी का सिर हाथी का है यानी हमारी बुद्धि हाथी की तरह गंभीर होनी चाहिए। हाथी खूब सोच-विचार करके ही काम करता है। हाथी को जल्दी गुस्सा भी नहीं आता। हाथी को धैर्यवान माना जाता है। गणेश जी संदेश देते हैं कि जो व्यक्ति गंभीर रहता है, गुस्सा नहीं करता है और धैर्य के साथ काम करता है, उसे सफलता मिलती है।

गणेश जी के बुद्धि के भी देवता माने जाते हैं। इनकी पूजा से भक्तों की बुद्धि प्रखर होती है। ऐसी मान्यता है। महाभारत की रचना वेद व्यास ने की थी, लेकिन इस ग्रंथ को गणेश जी ने लिखा था। वेद व्यास जी महाभारत बोल रहे थे और गणेश जी लिख रहे थे। इसलिए विद्यार्थियों को खासतौर पर गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।

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