Ganesh Chaturthi vrat on 18 December, Ganesh puja vidhi in hindi, Paush Month significance, ganesh puja vidhi | 18 दिसंबर को गणेश चतुर्थी व्रत: भगवान गणेश के साथ ही बुध ग्रह की पूजा का शुभ योग, हरे मूंग का करें दान और चंद्र को चढ़ाएं अर्घ्य

7 मिनट पहले

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कल यानी बुधवार, 18 दिसंबर को पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। इस दिन गणेश चतुर्थी व्रत किया जाएगा। इस दिन भक्त दिनभर निराहार रहते हैं, भगवान गणेश की विशेष पूजा करते हैं। भगवान की कथाएं पढ़ते-सुनते हैं और शाम को चंद्र दर्शन के बाद चंद्र पूजा और गणेश पूजा करके व्रत पूरा करते हैं। बुधवार और गणेश चतुर्थी के योग में भगवान गणपति के साथ ही बुध ग्रह के लिए भी विशेष पूजा-पाठ करनी चाहिए।

ऐसे कर सकते हैं गणेश पूजन

गणेश चतुर्थी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक और धूप जलाएं।

भगवान गणेश को जल, दूध, पंचामृत अर्पित करें। हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें। दूर्वा (दूब), लाल फूल, मोदक, गुड़ और नारियल चढ़ाएं।

ऊँ गं गणपतये नमः मंत्र का जप करें। गणपति को दूर्वा की 21 गांठ चढ़ानी चाहिए।

व्रत से जुड़ी ये बातें ध्यान रखें

गणेश चतुर्थी का व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। व्रत रखें, दिनभर निराहार रहें और भूखे रहना संभव न हो तो फलाहार करें।

शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें और गणेश पूजन करके व्रत पूरा करें। इस दिन जरूरतमंद लोगों को ऊनी कपड़े, भोजन और दक्षिणा दान करें।

गणेश चतुर्थी पर पूरे परिवार के साथ गणेश पूजा करने से घर में सुख-शांति और एकता बनी रहती है।

बुध ग्रह के लिए कर सकते हैं ये शुभ काम

बुधवार और चतुर्थी के योग में हरे वस्त्र पहनकर बुध ग्रह की पूजा करें। पूजा में बुध के मंत्र ऊँ बुं बुधाय नमः का जप करें। पूजा के बाद हरे मूंग का दान करें।

चंद्रोदय के बाद चंद्र को चढ़ाएं अर्घ्य

इस दिन शाम को चंद्र उदय के बाद चंद्र देव को अर्घ्य चढ़ाना चाहिए। चंद्र को जल, दूध चढ़ाएं। चंद्र को अर्घ्य देने के लिए चांदी के लोटे या मिट्टी के कलश का इस्तेमाल करना चाहिए। अर्घ्य देते समय मंत्र ऊँ सोमाय नमः का जप करें।

ये हैं पौष मास जुड़ी खास बातें

  • पौष मास हिन्दी पंचांग का दसवां महीना है। इस मास में सूर्य देव की विशेष पूजा करने की परंपरा है।
  • इस माह में रोज सुबह सूर्योदय के समय स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
  • सूर्य से जुड़ा ये महीना धर्म लाभ के साथ स्वास्थ्य लाभ भी देता है।
  • पौष मास में योग, ध्यान और साधना करने का विशेष महत्व है।
  • इस मास में व्रत, दान और पूजा-पाठ के साथ ही गीता, भागवत, रामायण आदि ग्रंथों का पाठ करना चाहिए।

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