12 मिनट पहले
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आज (बुधवार, 18 दिसंबर) पौष कृष्ण चतुर्थी है। चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी माने गए हैं, क्योंकि इसी तिथि पर भगवान गणपति प्रकट हुए थे। चतुर्थी व्रत करने वाले भक्त दिनभर निराहार रहते हैं और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते हैं। शाम को चंद्र दर्शन के बाद चंद्र पूजा और गणेश पूजा करके व्रत पूरा करते हैं। पूजा में गणेश जी के 12 नाम वाले मंत्र का जप करना चाहिए। इन मंत्रों के साथ की पूजा जल्दी सफल होती है, ऐसी मान्यता है।
ये है 12 नाम वाले मंत्र:
सुमुखश्च एकदंतश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो गणाधिपः॥
धूम्रवर्णो भालचंद्रो विनायकः गणेश्वरः।
गजाननः द्वादशैतानि नामानि यः पठेन्नरः॥
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं परम्।
इन मंत्रों गणेश जी के 12 नाम हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लम्बोदर, विकट, विघ्नराजेन्द्र, धूम्रवर्ण, भालचंद्र, विनायक, गणपति, गजानन हैं। अगर मंत्र जप नहीं कर पा रहे हैं तो गणेश जी के इन 12 नामों का ध्यान करते हुए भी पूजा कर सकते हैं।
गणेश पूजा की सरल स्टेप्स |
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बुध ग्रह के लिए कर सकते हैं ये शुभ काम
ऊँ बुधाय नमः मंत्र 108 बार जप करें। बुध के लिए हरी मूंग, पन्ना रत्न, हरे वस्त्रों का दान करना चाहिए। आज ऊनी वस्त्र का दान करेंगे तो बहुत शुभ रहेगा। पक्षियों के लिए घर की छत पर अनाज रखें।