मंगलवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय लैलूंगा के गांव में गहिरा गुरु आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने श्री विष्णु महायज्ञ में सम्मिलित होकर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने संत गहिरा गुरु जी के समाधि स्थल पर पुष्पांजल
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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ग्राम गहिरा से उनका गहरा आत्मीय संबंध रहा है। मुख्यमंत्री ने गहिरा गुरु संत समाज द्वारा सनातन धर्म और सामाजिक उत्थान में किए जा रहे योगदान की सराहना करते हुए कहा कि एक समय ऐसा था जब जनजातीय समुदाय में धर्मांतरण, सामाजिक बुराइयां और व्यसन बढ़ रहे थे, तब संत गहिरा गुरु जी ने समाज सुधार का बीड़ा उठाया, गांव-गांव में यज्ञ कराए रामचरितमानस के पाठ करवाए और समाज को आध्यात्मिक रूप से जागरूक किया।
उन्होंने कहा कि आज यह संस्था पूरे प्रदेश में सनातन धर्म को सुदृढ़ करने, समाज को जागरूक करने और संस्कृत की शिक्षा को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस बात की भी प्रशंसा की कि संस्था के माध्यम से जनजातीय समुदाय के बच्चे संस्कृत में अध्ययन कर रहे हैं और सनातन संस्कृति के संवर्धन में एक सराहनीय पहल करते हुए विद्यालय व महाविद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।
श्रीराम ने वनवास का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बिताया
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्षों के वनवास का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बिताया था, जिसके प्रमाण आज भी प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर विद्यमान हैं। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ के लिए प्रदेशवासियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं के ठहरने की संपूर्ण व्यवस्था छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में सतत विकास और सुशासन को प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में संत गहिरा गुरु जी के आशीर्वाद से सुशासन और विकास का कार्य निरंतर जारी है। हमारी सरकार राज्य की संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए रखते हुए छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। कार्यक्रम में बबरू वाहन महाराज अध्यक्ष संत समाज, खीरेंद्र महाराज, रवि भगत, शांता भगत, मनोज सतपथी, भास्कर बेहरा और मधुकर सिंघानिया समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।