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आईआईटी खड़गपुर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन से दुखी है। शनिवार को वे पंचतत्व में विलीन हो गये। खड़गपुर आईआईटी में भी प्रधानमंत्री रहने के दौरान मनमोहन सिंह आये थे, उस पल को खड़गपुर आईआईटी और कांग्रेस के नेताओं ने याद किया और अहसास के दौरान कुछ की आंखे नम हो गयी। सभी की लबो में मनमोहन सिंह को लेकर एक ही शब्द गूंजे कि वे मृदुभाषी होते हुए भी वे एक ओजस्वी वक्ता थे,अर्थशास्त्र में उनकी विद्वता निर्विवाद है
। बताते चले कि 22 अगस्त 2011 को मनमोहन खड़गपुर आईआईटी आए थे। उस दिन मंच पर उनके द्वारा आईआईटी की हीरक जयंती पुस्तिका ””””राष्ट्र की सेवा में आईआईटी खड़गपुर के साठ वर्ष”””” का विमोचन किया गया था। बोलने के लिए उठते हुए, मनमोहन ने दिवंगत पूर्व प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू को याद किया, जिन्होंने आईआईटी की आधारशिला रखी थी, उन्होंने 1956 में आईआईटी के पहले दीक्षांत समारोह में जवाहरलाल के भाषण का मुद्दा भी उठाया था। उस समय केंद्रीय बजट में आईआईटी खड़गपुर के लिए 200 करोड़ रु आवंटन के संबंध में भी बताया था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खड़गपुर आईआईटी में ””””साइंस पार्क”””” बनाने में रुचि रखते थे। जहां उद्योग अपनी अनुसंधान एवं विकास इकाइयां स्थापित कर सकते हैं। इकाइयां आईआईटी के संकाय और छात्रों के सहयोग से चलेंगी। 2011 में खड़गपुर आईआईटी के दीक्षांत समारोह में अपने भाषण में, मनमोहन उद्योग और देश की जरूरतों को देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलाना चाहते थे।