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- FPIs Pull Out ₹11,820 Crore From Indian Stocks In First Week Of December 2025
मुंबई2 घंटे पहले
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फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) ने दिसंबर के पहले हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार से 11,820 करोड़ रुपए (1.3 बिलियन डॉलर) निकाल लिए। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस निकासी की मुख्य वजह रुपए की तेज गिरावट रही।
विदेशी निवेशकों ने नवंबर में ₹3,765 करोड़ की निकासी की थी। 2025 में अब तक कुल 1.55 लाख करोड़ रुपए ($17.7 बिलियन) निकाल चुके हैं। हालांकि DIIs ने पहले हफ्ते में ₹19,783 करोड़ की खरीदारी की। इससे FPI निकासी का प्रभाव बाजार पर सीमित रहा।
रुपए में गिरावट की वजह से निकासी
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट विजयकुमार ने कहा, रुपए की 5% गिरावट ने FPIs को निकासी के लिए मजबूर किया। वहीं एंजेल वन के सीनियर फंडामेंटल एनालिस्ट वकार जावेद खान ने कहा, ईयर-एंड पोर्टफोलियो रीपोजिशनिंग और इंडिया-US ट्रेड डील में देरी ने ग्लोबल सेंटिमेंट खराब किया है।
इस साल 5% तक गिरा रुपया
इससे पहले रुपया 4 दिसंबर को डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया था। PTI के अनुसार आज डॉलर के मुकाबले रुपया 28 पैसे गिरकर 90.43 के स्तर पर आ गया था। रुपया 2025 में अब तक करीब 5% कमजोर हो चुका है। 1 जनवरी को रुपया डॉलर के मुकाबले 85.70 के स्तर पर था।

अक्टूबर में FPIs ने 14,610 करोड़ रुपए का निवेश किया था
अक्टूबर में FPIs ने भारतीय इक्विटी में 14,610 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जो जुलाई से सितंबर तक चले तीन महीनों की बिकवाली की लाइन को तोड़ने वाला था। उस दौरान जुलाई में 17,700 करोड़, अगस्त में 34,990 करोड़ और सितंबर में 23,885 करोड़ रुपए निकाले गए थे।
इस साल अब तक कुल मिलाकर विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से 1.43 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की निकासी की है। डेट मार्केट में हालात थोड़े बेहतर हैं, जहां जनरल लिमिट के तहत 8,114 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, लेकिन वॉलंटरी रिटेंशन रूट से 5,053 करोड़ रुपए निकाले गए।
दिसंबर में फेड और ट्रेड डील पर टिकी उम्मीदें
आगे की राह पर नजर डालें तो दिसंबर में FPI एक्टिविटी ज्यादातर अमेरिकी फेड रिजर्व के रेट कट सिग्नल्स और भारत-अमेरिका ट्रेड एग्रीमेंट की प्रोग्रेस पर निर्भर करेगी। अगर ये पॉजिटिव रहे तो बाजार में वापसी हो सकती है, नहीं तो बिकवाली का सिलसिला जारी रह सकता है।
