Four more minors linked to ISIS in ATS custody | छत्तीसगढ़ में ISIS नेटवर्क से जुड़े चार नाबालिग हिरासत में: पढ़ाई के बहाने कट्टरपंथी चैट कर रहे, परिजनों को भनक नहीं; पाकिस्तान से मिलता था टास्क – Chhattisgarh News

छत्तीसगढ़ में ISIS नेटवर्क से जुड़े 4 और नाबालिग लड़के भिलाई से पकड़ाए है। आतंकवाद विरोधी दस्ता (ATS) ने ये कार्रवाई की है। चारों नाबालिग सुपेला के फरीद नगर इलाके के बताए जा रहे है। ये सभी पहले पकड़े गए दो किशोरों से जुड़े पाए गए। मामला सुपेला थाना क

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जांच में पता चला कि इन बच्चों को पाकिस्तान में बैठे ऑपरेटर, हिंसक ऑनलाइन गेम, एन्क्रिप्टेड चैट और फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए धीरे-धीरे कट्टरपंथ की ओर धकेल रहे थे।

बच्चे अपने घर पर रहकर मोबाइल में कट्टरपंथी चैट करते थे। पाकिस्तान से उन्हें टास्क मिलता था। लेकिन परिजनों को भी इस बात की भनक नहीं थी।

डिजिटल कट्टरपंथ के बढ़ते नेटवर्क पर लगातार कार्रवाई जारी है। इससे पहले एटीएस ने फरीदनगर से 12वीं के एक छात्र को उठाया था, जिससे पूरा नेटवर्क सामने आने लगा।

हालांकि एटीएस और दुर्ग पुलिस के अधिकारियों ने अब तक नाबालिगों को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि नहीं की है।

पाकिस्तान से बैठे ऑपरेटर ने नाबालिगों को डार्क वेब, VPN, एन्क्रिप्टेड साइट्स और कोड लैंग्वेज का इस्तेमाल सिखाया है।

पाकिस्तान से बैठे ऑपरेटर ने नाबालिगों को डार्क वेब, VPN, एन्क्रिप्टेड साइट्स और कोड लैंग्वेज का इस्तेमाल सिखाया है।

हिंसक गेम और डार्क वेब बना था प्रमुख हथियार

अधिकारियों के मुताबिक, इन किशोरों को ऐसे हिंसक ऑनलाइन गेम भेजे जाते थे, जिनमें टास्क के नाम पर हमले जैसी गतिविधियों की नकली ट्रेनिंग दी जाती थी। इसके अलावा उन्हें डार्क वेब, VPN, एन्क्रिप्टेड साइट्स और कोड लैंग्वेज का इस्तेमाल सिखाया गया। मोबाइल डेटा की फॉरेंसिक जांच में दर्जनों कोड-वर्ड, हटाई गई चैट, संदिग्ध ग्रुप कॉल और कट्टरपंथी कंटेंट मिले हैं।

फरीद नगर इलाके में रात भर एटीएस और लोकल पुलिस ने जांच की है।

फरीद नगर इलाके में रात भर एटीएस और लोकल पुलिस ने जांच की है।

पहले से थी निगरानी, तकनीकी सबूत मिलते ही छापेमारी

पुलिस के मुताबिक, एटीएस ने इन किशोरों से करीब दो साल पहले संदिग्ध गतिविधियों के चलते पूछताछ की थी। इसके बाद उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर साइलेंट सर्विलांस जारी था।

जैसे ही तकनीकी प्रमाण मजबूत हुए, कार्रवाई कर इन्हें पकड़ लिया गया। अधिकारियों का कहना है कि यह मॉड्यूल छत्तीसगढ़ में युवाओं को टारगेट कर रहा था।

परिजनों को नहीं थी भनक, पढ़ाई के बहाने चल रही थी कट्टरपंथी चैट

एटीएस के अनुसार, परिजनों को इस गतिविधि की बिल्कुल जानकारी नहीं थी। पढ़ाई के लिए दिए गए मोबाइल, लैपटॉप और टैबलेट का इस्तेमाल आईएसआईएस नेटवर्क से संपर्क के लिए किया जा रहा था। इंस्टाग्राम की फेक आईडी से नियमित चैट होती थी, जिन्हें बाद में डिलीट कर दिया जाता था।

किसी बड़ी वारदात की तैयारी में थे, 100+ लड़कों का ग्रुप बनाया था

जानकारी के मुताबिक, पकड़े गए किशोर आतंकी संगठन के “ट्रेनिंग फेज” के अंतिम चरण में थे। वे भारत के खिलाफ नफरत और हिंसक विचारों से भरे हुए थे और किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में थे।

सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि उन्होंने 100 से अधिक लड़कों का एक ऑनलाइन ग्रुप बना लिया था। एटीएस अब इस ग्रुप में जुड़े बाकी नाबालिगों की तलाश कर रही है, क्योंकि कई बच्चे अभी भी इस नेटवर्क के संपर्क में हो सकते हैं।

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इस मामले में एटीएस आगे की कार्रवाई कर रही है।

इस मामले में एटीएस आगे की कार्रवाई कर रही है।

छत्तीसगढ़ में आतंकी संगठन ISIS अपना नेटवर्क बनाने की कोशिश कर रहा था। आतंकवाद विरोधी दस्ता (ATS) ने दो युवकों की पहचान की है, जिनसे पाकिस्तान स्थित ISIS के हेंडलर्स ने इंस्टाग्राम के माध्यम से संपर्क किया था। पढ़ें पूरी खबर…

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