नेपाल में बारिश से बिहार के 12 जिलों में बाढ़ है। आज 5 जिलों में बारिश की संभावना है।
नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद बिहार के 12 जिलों में बाढ़ का खतरा बन गया है। इन जिलों के 20 प्रखंडों के करीब 2 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। यहां हालात और भी गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि नेपाल की ओर से छोड़ा गया पानी बिहार के मैदानी इलाकों में फैलने
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इधर दरभंगा में देर रात 12ः45 बजे किरतपुर प्रखंड के सहरसा सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित कोसी नदी का बांध भूबोल के सामने टूट गया है। बांध टूटने से एक लाख की आबादी प्रभावित हुई है। रसियारी, किरतपुर, बगरस, दोहथा, जमालपुर, झगरुवा, कुबोल, ढागा, तरवारा, तेतरी, अमृतनगर, पखारिया, सिरसिया, रही टोल खतवारा, वर्दीपुर सिरनिया, लक्ष्मीपुर, भंडरिया, कदवारा, कटरिया, राम खेतरिया सहित कई गांव मुख्य रूप से प्रभावित हुए हैं। देर रात से ही डीएम समेत दूसरे अधिकारी कैंप कर रहे हैं।
वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र ने आज प्रदेश के 5 जिलों में बारिश और आकाशीय बिजली का अलर्ट जारी किया है।

सीतामढ़ी और पश्चिम चंपारण में टूटा बांध
नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से सीतामढ़ी और पश्चिम चंपारण में बांध टूट गया। सीतामढ़ी में बेलसंड प्रखंड का माड़र बांध टूट गया। वहीं, गंडक नदी के दबाव से चंपारण तटबंध ध्वस्त हो गया। हालात को देखते हुए पश्चिम चंपारण जिले में 8 प्रखंडों के 58 स्कूलों को 2 अक्टूबर तक बंद रखने के आदेश दिए गए है। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सुपौल और पश्चिमी चंपारण के इलाके में पड़ा है। अररिया में भी बारिश और बाढ़ के कारण रेलवे ट्रैक पर पानी आ गया है।
बाढ़ के पानी में दो दर्जन गांवों के लोग फंसे
पश्चिम चंपारण के योगापट्टी और बैरिया प्रखंड के दियारा इलाके में रविवार की शाम अचानक बाढ़ का पानी घुस गया। इससे खुटवनिया जलरपुल, सिसवा मंगलपुर, नवलपुर, ढढ़वा, चमुखा और हरपुर मुजौना पंचायत के दो दर्जन गांवों के लोग फंस गए हैं। प्रशासन की ओर से 100 से ज्यादा परिवारों को रेस्क्यू कर बाहर निकाल लिया गया है। लेकिन, करीब 900 लोगों के अभी भी फंसे होने की संभावना है।
बिहार में बाढ़ की तस्वीरें देखिए..

बेतिया में बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।

सीतामढ़ी में बेलसंड प्रखंड का माड़र बांध टूट गया, जिससे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

ये तस्वीर नेपाल के त्रिवेणी की है, जहां गंडक उफान पर है

सुपौल के बसंतपुर, निर्मली, मरौना, सरायगढ़-भपटियाही, किसनपुर और सदर प्रखंड क्षेत्र के सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में है। लोग सुरक्षित जगह पर पलायन कर रहे हैं।

मधुबनी में बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाती SDRF की टीम।
पटना में सामान्य रहेगा मौसम
राजधानी पटना में आज मौसम सामान्य बना रहेगा। बारिश होने की संभावना नहीं है। दिन का अधिकतम तापमान 32 डिग्री तक रहने की संभावना है। हालांकि, बारिश नहीं होने से उमस और हल्की गर्मी महसूस की जाएगी। इस दौरान हवा की गति 5-6 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी।
संभावित बाढ़ को लेकर अलर्ट पर राज्य और केंद्र सरकार
बिहार में बाढ़ के हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को NDRF के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार हर आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में NDRF की 11 टीमें लगी हुई हैं।
8 टीमों को रिजर्व रखा गया है। जरूरत पड़ने पर पश्चिम बंगाल से भी टीम बुलाई जाएगी। प्रधानमंत्री ने निर्देश पर बिहार सरकार से लगातार संपर्क स्थापित कर हालात पर नजर रखी जा रही है।
मुख्य सचिव ने दिए निर्देश
दूसरी ओर कोसी और गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने संबंधित जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की। उन्होंने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत शिविर, सामुदायिक रसोई और चिकित्सा शिविर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। NDRF और SDRF की जिले में तैनाती को लेकर भी चर्चा हुई।
बैठक में SDRF और NDRF टीम कमांडर को निर्देश देते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा मोचन बल हमेशा अलर्ट मोड में रहें। प्रभावित जिलों में सतत निगरानी रखी जाए। सुपौल में 4, मुजफ्फरपुर में 2, पूर्वी चंपारण में 1, पश्चिम चंपारण में 2, गोपालगंज में 2, छपरा में 2, सहरसा में 3 एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम भेजी गई है।


