नवादा के कृष्णा नगर में बुधवार की शाम करीब 80 घरों वाली दलित बस्ती में आग लगाने बात सामने आई थी। गांव वालों का आरोप था कि नंदू पासवान और उससे साथियों ने इस घटना को अंजाम दिया है। फायरिंग और मारपीट भी की गई। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी नंदू सहित
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इसकी पड़ताल के लिए भास्कर की टीम ग्राउंड पर पहुंची। हमने पीड़ितों से बात कर के वहां के हालात समझे। बुधवार रात गांव में क्या हुआ ये जानने की कोशिश की। गांव वाले नंदू पासवान और उसके साथियों पर ही आगजनी का आरोप लगा रहे हैं। हम आरोपी के घर भी गए और उनके परिवार के लोगों से भी पूरी कहानी समझी। उनका कहना था कि गांव वालों ने जमीन हड़पने के लिए ये पूरी साजिश रची है।पढ़िए कृष्णा नगर के लोटनबीघा गांव से ये ग्राउंड रिपोर्ट…
हम 19 सितंबर की दोपहर 2 बजे कृष्णा नगर के लोटनबीघा गांव पहुंचे। नेताओं का जमावड़ा लगा था। जले हुए घर थे। लोग घरों के बाहर छाव देखकर बैठे थे। थोड़ा अंदर जाने पर हमें ललिता देवी मिलीं। उन्होंने बताया कि ‘हम लोग खाना बनाने की तैयारी में थे। घर में बिजली नहीं थी तो टॉर्च की रोशनी में आटा गूंथ रहे थे। तभी बाहर चीख-पुकार की आवाज सुनाई दी।
बाहर जाकर देखा तो करीब 100 आदमी हाथों में हथियार लेकर हमला कर रहे थे। कुछ लोगों ने बमबारी की और कुछ लोग पेट्रोल छिड़ककर बस्ती में आग लगाते गए।
हम लोग जान बचाने के लिए अपने बच्चों को लेकर नदी किनारे भागे। दुर्गा पूजा में कपड़ा खरीदने के लिए बउआ के दादा ने पैसा जमा करके दिया था, वो भी आरोपी आग लगाने के दौरान लूट के ले गए।’
‘मेरा घर इस घटना में पूरी तरह से जल गया। सारा सामना भी राख हो गया। अब क्या करेंगे, क्या खाएंगे पता नहीं। प्राण बीघा के नंदू पासवान ने ही हमारे घरों में आग लगाई है। ये सरकारी जमीन थी फिर भी वो कब्जा करना चाहता था। हम यहां 50 साल से रह रहे थे।’
गांव में प्रशासन ने पीड़ित परिवारों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की है।
सरकार ने जमीन हमें दी, लेकिन कोई कागज नहीं दिया
थोड़ा आगे जाने पर हमें वीरेंद्र प्रसाद मिले। उन्होंने बताया कि ‘यह जमीन निशा खातून फरारिया बेगम की थी। 1988 में DCLR ने हम लोग के हक में फैसला दिया था। सीओ ने हम लोगों के बीच प्लॉट बांटा और नक्शा बना दिया, लेकिन कोई कागज नहीं दिया। फिर किसी रमजान मियां ने इस जमीन का अपने नाम से खतियान बना लिया। फिर नंदू पासवान ने उससे यह जमीन अपने नाम लिखवा ली। तब से यह लड़ाई जारी है। पहले वह हमारे साथ ही रहता था, लेकिन उसके मन में बाद में जमीन हथियाने की बात आ गई।’
प्रशासन का कहना है आगजनी में 21 घर पूरी तरह से जलकर राख हो गए।
गांव वालों से बात करने के बात करने के बाद हम आरोपी नंदू पासवान के घर पहुंचे। घर में कोई पुरुष नहीं था। 2 महिलाएं दिखीं, हमने उनसे बात की।
नंदू पासवान की छोटी बहू सरिता भारती ने बताया कि ’18 सितंबर को 7 बजे हम लोगों ने धुआं उठते देखा। हमें लगा किसी ने शराब पीकर झगड़ा किया होगा। घटना के आधे घंटे बाद पुलिस प्रशासन हमारे घर आई और घर से सभी मर्द को घसीटते हुए लेकर गई। इसमें से हमारा 15 साल का एक बच्चा भी है। वहीं, नंदू पासवान की बड़ी बहू सुषमा पासवान का कहना है कि बस्ती वालों ने जमीन पर कब्जा करने के लिए यह अग्निकांड का हथकंडा अपनाया है।’
सरिता का कहना है कि ‘अगर हमारे घर से किसी ने भी इस घटना को अंजाम दिया होता तो सबसे पहले वह घर से भाग जाता। मगर ऐसा कुछ नहीं था, इसीलिए सभी लोग घर में ही उस वक्त मौजूद थे। साजिश के तहत हम लोगों को फंसाया जा रहा है। पुलिस घर में आई तो हमें बोलने तक का मौका तक नहीं दिया। उन्होंने घर के औरतों पर भी हाथ उठाया और डंडों से पीटा। घर वालों ने सीबीआई जांच की मांग की है।’
दादा ससुर ने इस जमीन को खरीदा था
इसके बाद हमने नंदू पासवान की बड़ी बहू सुषमा पासवान से बात की। उन्होंने कहा कि ‘हमारे दादा ससुर ने इस जमीन को खरीदा था। तब उन्होंने इस जमीन पर कुछ लोगों को खेती-मजदूरी करने की इजाजत दी थी। इन लोगों को लगा कि यह जमीन सरकारी है और फिर उन्होंने अपनी झोपड़ी बनाकर बस्ती बसा ली। इसके बाद दादा ससुर ने कोर्ट में केस दर्ज कर दिया। हमारे ससुर ने आपसी लड़ाई ना करते हुए कोर्ट का रास्ता अपनाया था। अभी सरकार द्वारा जमीन का सर्वे चल रहा है और अगले महीने कोर्ट का फैसला भी आने वाला है, इसलिए बस्ती वालों ने जमीन पर कब्जा करने के लिए यह अग्निकांड का हथकंडा अपनाया है।’
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‘शाम के साढ़े 6 बज रहे थे। दिन ढल रहा था। गांव के लोग मेहनत मजदूरी कर घर आए थे। कोई दिनभर की थकान के बाद कमर सीधी कर रहा था तो कोई खाना बनाने में जुट गया था। इस बीच पूरब की दिशा से 60 से 70 लोग हरवा-हथियार से लैस होकर हमारे गांव के पास आ गए। कई लोगों के हाथ में पेट्रोल से भरा गैलन था। नंदू पासवान, जमुना चौहान, आशीष यादव अपने साथ आए लोगों को ललकारते हुए बोल रहा था कि एक भी रविदास और मांझी का घर बचना नहीं चाहिए। सबके घर में आग लगा दो और लूटपाट कर लो। ये खबर भी पढ़िए