fire crackers ban in bihar; police department manage; bihar bhaskar latest news | ‘बिहार में पटाखों पर बैन, एसपी-डीएसपी सब मैनेज हैं’: दुकानदार बोले- थाने वाला आएगा तो 2-3 हजार दे दीजिएगा, एक लाइन में 20 दुकानें – Patna News

‘बिहार में पटाखें बैन हैं। यह एक रिस्की आइटम है। इसके लिए पैसा फेंकने पड़ेंगे। थाने वाले आएंगे 2-3 हजार दीजिए, चले जाएंगा। यहां सब मैनेज है। यहां तक की एसपी-डीएसपी सब मैनेज हो जाते हैं। पटाखों में मेरी गारंटी है, जो पैसा लगाइएगा, वो डबल होगा, लेकिन डू

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यह बातें भास्कर के हिडेन कैमरे में पटाखों के दुकानदारों ने की है। दरअसल, बिहार के पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर शहर में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है। बैन के बावजूद धड़ल्ले से पटाखें बिक रहे हैं। इसकी पड़ताल के लिए भास्कर की टीम पटना सिटी पहुंची। यहां एक लाइन से करीब 20 दुकानें दिखीं। 2-3 दुकान तो थाने के सामने ही थी।

50 हजार लगाइए तो 80 से 90 हजार कमा लीजिएगा

पटना सिटी में एक दुकान पर पहुंचे तो दुकानदार ने पहले साफ मना कर दिया। पटाखा बैन होने की बातें कही। इसके बाद दरभंगा का कारोबारी बनकर परिचय दिया गया। थोक में ऑर्डर देने का लालच दिया गया। 50 हजार के पटाखों के ऑर्डर पर दुकानदार बदल गए। उन्होंने कहा कि ‘अगर आप 50 हजार लगाएंगे तो 80 से 90 हजार कमा लीजिएगा। पटाखो के कारोबार में सिर्फ प्रॉफिट ही प्रॉफिट है, इसमें कभी नुकसान नहीं होगा।

कहीं भी पटाखें की दुकान लगाइए यह रिस्की आइटम है। यह मत सोचिएगा की प्रशासन कुछ नहीं करेगा। इसके लिए पैसा फेंकना पड़ेगा। थाना वाला आएगा 2-3 हजार दीजिए, चला जाएगा। यहां सब मैनेज है।’ पटाखे ले जाने के दौरान पुलिस की ओर से गाड़ी चेक करने की बात कही तो उसने कहा कि ‘ट्रासंपोर्ट के जरिए आसानी से माल चला जाएगा। इसकी चिंता नहीं करें। उसने श्रवण ट्रासंपोर्ट के जरिए खुद अरेंज करके भेजने का दावा किया ।’

नंबर सिस्टम से माल दिया जाता है

दुकानदार ने आगे बताया कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है, फिर भी पटाखे जलाए जा रहे हैं। यह सब बहुत हाई लेवल की बात है। अगर आप मेरे गोदाम में जाइएगा तो वहां 500 तरह के पटाखे दिख जाएंगे। उसे देखकर सिर चकरा जाएगा। यहां नाम से नहीं। बल्कि, नंबर सिस्टम से माल दिया जाता है। पटाखों में मेरी गारंटी है, जो पैसा लगाए हैं, वो डबल होगा। लेकिन डूबेगा नहीं। सीतामढ़ी भेजने के लिए 1 लाख 70 हजार का माल पैक करके रखा हुआ है। वह बस से जा रही है। इसके बाद उसने अपना गोदाम दिखाने के लिए भेजा। वहां कई तरह के पटाखे थोक मात्रा में थे।’

प्रशासन के डर से 200 मीटर अंदर गली में है गोदाम

यहां से मोल-भाव करके निकल गए थे। फिर रास्ते में दूसरे दुकान का स्टाफ धीरे से आकर कहता है कि ‘अगर पटाखे लेना है तो मेरे पीछे आइए। उसके पीछे गए। करीब 200 मीटर अंदर गली में ले गया। पूछने पर कहा कि प्रशासन के डर से हम लोग इतना अंदर गली में माल रखते हैं, ताकि किसी की नजर नहीं पड़े।’

SP-DSP सभी मैनेज

उसने हमें माल दिखाने के लिए थोड़ा रुकने को कहा। इस बीच बातचीत के दौरान कहा कि ‘प्रशासन से हम लोग को कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन, उन्हें भी ऊपर से आदेश आएगा तो वे क्या करेंगे। यहां तो SP-DSP सब मैनेज हो जाता है। लेकिन, जब उन्हें ऊपर से डीजीपी, आईजी तंग करते हैं तो वे भी हमें करेंगे। ज्यादा कुछ होगा तो हम लोग हाथ-पैर जोड़ लेते हैं। यहां हमें 80% पटाखा बेचने की छूट मिली हुई है, इसलिए आपको रोड पर इतनी दुकानें दिख रही है।’

20 रुपए में खरीदते हैं, 100 में बेचते हैं

यहां से निकलते ही तीसरे दुकानदार ने टोका। वह भी हमें अपने गोदाम तक ले गया। लेकिन, इसका गोदाम दोनों से अलग था। क्योंकि, यह उसके घर की छत पर बनाया गया था। उसने हमें सभी तरह के पटाखो के रेंज बताए। यहां 80 से लेकर 8000 तक के पटाखे मौजूद थे। उसने बताया कि जो माल वह 20 रुपए में खरीदता है, वह बाजार में 100 रुपए में बिकेगा। इससे काफी फायदा होता है। इस बार बाजार में वाटरप्रूफ पटाखे आए हैं, जिसे पानी में रखकर छोड़ा जा सकता है।

बिहार के 4 शहरों में पूरी तरह से पटाखें बैन

सुप्रीम कोर्ट और NGT (राष्ट्रीय हरित क्रांति) ने पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में सभी तरह के पटाखों को प्रतिबंधित किया है। AQI लेवल खराब, बहुत खराब, गंभीर देखते हुए ये फैसला लिया गया है। अन्य जिलों में ग्रीन पटाखे उपयोग करने का निर्देश जारी किया गया है। सरकार की ओर से पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में दीपावली के दिन पटाखे पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे।

पटना में धावा दल का गठन किया गया

पटना जिला प्रशासन ने पटाखे की बिक्री पर सख्त निर्देश जारी किया है। पटना डीएम और एसएसपी ने धावा दल का गठन किया है। सभी अनुमंडल पदाधिकारियों और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को अवैध पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए धावा दल को क्रियाशील रखने और दोषियों के खिलाफ विधि-सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

मुजफ्फरपुर में 1 करोड़ के कारोबार की उम्मीद

उत्तर बिहार पटाखा व्यवसाय संघ के अध्यक्ष इम्तियाज आलम ने बताया कि मुजफ्फरपुर में पटाखा का क्रेज कम हो रहा है। इसका कारण सरकार की नीति है। एक तरफ सरकार पटाखा बनाती है, तो दूसरी तरफ बेचने को मना करती है। ऐसे में कौन पटाखों में अपना रुपए लगाएगा।

इस साल जिले में एक करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है। मुजफ्फरपुर में पटाखा का स्टॉक सिर्फ दुकानों में ही है। गोदाम में कोई भी स्टॉक नहीं है। 5 रुपए से लेकर 500 तक का पटाखा मार्केट में है। पूरे भारत में पटाखा सिर्फ तमिलनाडु के शिवकाशी से आता है।

गया में ग्रीन पटाखों के कारण दाम बढ़े

गया के थोक विक्रेता महताब आलम ने बताया कि इस बार पटाखों की बिक्री में मंदी है। पटाखे बैन होने के कारण अब बाजार में ग्रीन पटाखे आते हैं। इससे दाम थोड़े महंगे होते हैं। इस बार करीब 10 से 15 प्रतिशत पटाखे महंगे हैं।

दुकानदारों के मुताबिक जिले में करीब 70 से 80 लाख का कारोबार है। स्टॉक में माल नहीं रखते हैं। बल्कि हर दूसरे दिन ऑर्डर देकर मंगाते हैं। उसे बेच देते हैं।

हाजीपुर में दुकानदार पिछले साल के स्टॉक को बेच रहे

हाजीपुर के पटाखा कारोबारी संजीव बताते हैं कि इस बार ज्यादा माल नहीं मंगवाया गया है। मंदी का दौर चल रहा है। इस वजह से सभी दुकानदार पिछले साल के ही अपने स्टॉक को बेच रहे हैं। पटाखों पर प्रतिबंध भी लगाया गया है। इससे कारोबार पर असर पड़ रहा है।

ग्रीन पटाखे की परमीशन दी गई है

बिहार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीके शुक्ला ने बताया कि ‘पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने गाइडलाइंस जारी की है। इसके अनुसार जिन शहरों में निर्धारित मानदंड से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) पाया गया है। उन शहरों में पटाखे नहीं जलानी है। बाकी शहरों में ग्रीन पटाखे की अनुमति दी गई है।

बिहार के चार जिलों में पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर आदेश 2019 में आया था। इन चार जगहों पर AQI लेवल बहुत ही खराब श्रेणी में थे। बिहार के कुछ जिलों में पिछले कई सालों से सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में AQI काफी बढ़ा रहता है। AQI लेवल पर 70% योगदान मौसम संबंधी और ज्योग्राफिकल फैक्टर का होता है। बिहार के सभी डीएम को पत्र लिखकर भेजा गया है। वे अपने अनुसार आदेश देंगे।

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