Finance Minister and Rahul Gandhi controversy|market cap of 81 government companies | मोदी सरकार में 81 सरकारी कंपनियों का मार्केट-कैप 225% बढ़ा: वित्त मंत्री सीतारमण बोलीं- निफ्टी CPSE ने 79% का रिटर्न दिया, कंपनियों में निवेश बढ़ा

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नई दिल्ली10 मिनट पहले

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के करीब 10 साल में शेयर मार्केट में लिस्टेड देश की 81 सरकारी कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 225% बढ़ा है।

वहीं, इस दौरान निफ्टी CPSE (नेशनल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज) यानी शेयर बाजार में लिस्ट सरकारी कंपनियों ने 79% का जबरदस्त रिटर्न दिया है।

फाइनेंस मिनिस्टर ने यह बात कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी के उन आरोपों के जवाब में कहा है, जिसमें दावा किया जा रहा था कि मोदी सरकार में सरकारी कंपनियों को खत्म कर रही है।

UPA सरकार में सरकारी कंपनियां बर्बाद हुईं
निर्मला सीतारमण ने सरकार के अचीवमेंट्स गिनाते हुए दो X पोस्ट किए, इसमें उन्होंने कहा, ‘सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस की नेतृत्व वाली UPA सरकार में सरकारी कंपनियां बर्बाद हो रही थीं।’ अपने X पोस्ट में वित्त वर्ष 2013-14 और 2022-23 की तुलना करते हुए कई फैक्ट्स पेश किए।

यहां देखिए फाइनेंस मिनिस्टर निर्माला सीतारमण के X पोस्ट की बड़ी बातें…

  • वित्त वर्ष 2014 में सभी CPSE की टोटल पेड-अप कैपिटल यानी शेयर बेचने से मिली राशि ₹1.98 लाख करोड़ थी। 31 मार्च, 2023 तक यह 155% बढ़कर ₹5.05 लाख करोड़ हो गई थी।
  • वित्त वर्ष 2014 में सभी सरकारी कंपनियों का संचालन से ग्रॉस रेवेन्यू ₹20.61 लाख करोड़ था, जो फाइनेंशियल ईयर 2023 में 84% बढ़कर ₹37.90 लाख करोड़ हो गया था।
  • प्रॉफिट बनाने वाली सरकारी कंपनियों का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2014 में ₹1.29 लाख करोड़ रहा था। फाइनेंशियल ईयर 2023 में यह 87% बढ़कर ₹2.41 लाख करोड़ तक पहुंच गया था।
  • एक्साइज और कस्टम ड्यूटिज, GST, कॉर्पोरेट टैक्स, लाभांश के जरिए सरकारी खजाने में सरकारी कंपनियों का योगदान FY14 में ₹2.20 लाख करोड़ था, जो फाइनेंशियल ईयर 2023 में 108% बढ़कर ₹4.58 लाख करोड़ तक पहुंच गया था।
  • 31 मार्च 2014 तक सरकारी कंपनियों की नियोजित पूंजी ₹17.44 लाख करोड़ थी। 31 मार्च 2023 तय यह 119% बढ़कर ₹38.16 लाख करोड़ तक पहुंच गई थी।

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