बाईं ओर से… पुलिस हिरासत में मुख्य आरोपी मकबूल डॉक्टर, उसका बेटा कासिफ डॉक्टर और तीसरा साथी।
सूरत में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने हवाला और USDT के अंतरराष्ट्रीय रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए एक बड़े अपराधी गिरोह को बेनकाब किया है। यह रैकेट अफगानिस्तान, बांग्लादेश और चीन से संचालित हो रहा था। जिसमें हवाला के माध्यम से करोड़ों रुपए का लेन-देन कि
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इस रैकेट से जुड़े मुख्य आरोपी, मकबूल डॉक्टर और उसके बेटे कासिफ डॉक्टर को अठवालाइंस क्षेत्र के घर से गिरफ्तार किया है। आरोपी ट्रैवल एजेंसी चलाते हैं। दुबई में महेश नाम का व्यक्ति इस पूरे नेटवर्क का संचालन कर रहा था। पुलिस ने जांच पता चला पिछले दो वर्षों में करीब 100 करोड़ रुपए का हवाला ट्रांजेक्शन इस गिरोह ने किया है।
17 लाख रुपए सहित मोबाइल और 497 सिम कार्ड्स भी जब्त किए गए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों ने गरीब और जरूरतमंद लोगों के नाम से बैंक खाते खुलवाए, जिनमें ठगी और जुए के पैसे जमा किए जाते थे। ये पैसे बाद में USDT में परिवर्तित कर अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। पुलिस ने उनके पास से 497 सिम कार्ड, कई चेकबुक, डेबिट कार्ड, नकदी और विदेशी मुद्रा बरामद की है। इस रैकेट का पैसा आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा था या नहीं, इसकी जांच जारी है। यह मामला साइबर अपराध और अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। जिसका दायरा कई देशों तक फैला हुआ है।
सूरत में गरीब लोगों के नाम से बैंक में खाते खोले, ठगी का पैसा जमा करते थे सूरत में गरीब और जरूरतमंद लोगों के नाम पर बैंक खाते खोले गए। जिनमें जुआ और ठगी के पैसे जमा किए जाते थे। इन पैसों का उपयोग USDT खरीदने और उन्हें ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था। मकबूल डॉक्टर और उनके बेटे कासिफ और माज नाडा ने इस गोरखधंधे को संचालित किया। वे ऑनलाइन ट्रैवल टिकट बुकिंग के नाम पर इस हवाला रैकेट को चला रहे थे। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने सूरत के सिंधीवाड़ इलाके में सफिया मंज़िल में छापा मारा, जहां से बाप-बेटे को गिरफ्तार किया गया। उनके घर और ऑफिस से पुलिस ने 29 चेकबुक, 8 पासबुक, 38 डेबिट कार्ड, 497 सिम कार्ड, 7 मोबाइल फोन और 17 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं। साथ ही पैसे गिनने की मशीन और अलग-अलग देशों की मुद्रा भी बरामद हुई है।
मुख्य आरोपी मकबूल डॉक्टर और उसका बेटा कासिफ डॉक्टर।
देशभर में 28 साइबर फ्रॉड किए पुलिस आयुक्त ने बताया कि इतने सिम कार्ड कहां से आए, इसकी जांच की जा रही है। इन सिम कार्ड्स का उपयोग कर देशभर में 28 साइबर फ्रॉड किए गए हैं। आरोपियों ने एक कंपनी के सिम कार्ड हासिल कर उन्हें दुबई भेजा था और महीने में 7-8 लाख रुपए कमाए थे। पुलिस अब इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा कर रही है ताकि और गहराई से इसकी जांच हो सके।
मकबूल के चीन की बैंक और दुबई की बैंकों में खाते पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत ने बताया कि महेश दुबई में बैठकर मकबूल को रुपए और USDT भेजता था। जिनकी अदला-बदली करने के लिए मकबूल 10% कमीशन लेता था। अब तक की जांच में यह पाया गया है कि पिछले दो वर्षों में 100 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन किया है। मकबूल का चीन एग्रीकल्चर बैंक और दुबई के बैंकों में खाता है। दुबई में उसके पास एक फ्लैट और एक मोबाइल स्पेयर पार्ट्स की दुकान भी है। हाल ही में उसने नवसारी में अपनी पत्नी के नाम से एक फार्महाउस भी खरीदा है।
सूरत के पुलिस कमिश्नल अनुपम गहलोत।
USDT का एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय रैकेट चला रहे थे पुलिस को जांच के दौरान यह पता चला कि मकबूल और कासिफ USDT का एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय रैकेट चला रहे थे। मकबूल ने कबूल किया कि वह दुबई से हवाला के जरिए नकदी प्राप्त करता था। जिसे महेश देसाई द्वारा भेजा जाता था। ऑनलाइन फ्रॉड, सट्टा और गेमिंग के जरिए साइबर अपराधी करोड़ों रुपए डमी खातों के जरिए प्राप्त करते थे। इन खातों से पैसे तुरंत निकाल लिए जाते थे और अफगानिस्तान, चीन और बांग्लादेश में बैठे आका को हवाला के माध्यम से भेजे जाते थे।
रैकेट में आरोपी का दूसरा बेटा बस्साम भी शामिल मकबूल और कासिफ फर्जी चालू खातों में हवाला के पैसे जमा करते थे और फिर उन पैसों से USDT खरीदी जाती थी। इस USDT को हवाला के माध्यम से महेश देसाई के निर्देशानुसार विभिन्न वॉलेट्स में ट्रांसफर किया जाता था। जांच के दौरान यह भी पता चला कि इस रैकेट में मकबूल का दूसरा बेटा बस्साम डॉक्टर, जांपाबाजार का मुर्तुज़ा फ़ारूक़ शेख और अहमदाबाद का महेश देसाई भी शामिल। इनकी भी जांच की जा रही है।