कृषि विज्ञान केंद्र जांजगीर जर्वे में बलराम जयंती सह कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद कमलेश जांगड़े थीं। विधायक ब्यास कश्यप ने अध्यक्षता की। विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक नारायण चंदेल थे। इस दौरान बलराम जयंती के अवसर पर आस
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इस दौरान कमलेश जांगड़े ने कहा कि कृषि के देवता माने जाने वाले भगवान बलराम जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ में सीएम विष्णु देव साय के निर्देशानुसार इसे “किसान दिवस” के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में आदिकाल से ही कृषि में गौ उत्पादन जैसे- गोबर और गोमूत्र का प्रयोग होता रहा है। विधायक ब्यास कश्यप ने कहा कि गौ आधारित खेती या प्राकृतिक खेती रसायन एवं कीटनाशक मुक्त कृषि की वह पद्धति है।
इसमें परम्परागत तरीके से प्रकृति के नियमों का अनुसरण करते हुए देसी पद्धति खेती के सिद्धांत को अपनाकर की जाती है। विशिष्ट अतिथि नारायण चंदेल ने कहा कि यदि मिट्टी में लंबे समय तक पोषक तत्व एवं उर्वरा शक्ति को बरकरार रखना है एवं बढ़ाना है तो कम लागत में टिकाऊ खेती को अपनाना होगा। किसानों को विष मुक्त खेती की ओर आगे बढ़ना होगा और समस्त किसानों द्वारा अपना कर ही इस लक्ष्य की पूर्ति किया जा सकता है। कृषि स्थायी समिति के सभापति राजकुमार साहू, इंजीनियर रवि पांडे ने भी किसानों को संबोधित किया।
जैविक फसल के बारे में किसानों को बताया गया किसान दुष्यंत सिंह ने जैविक खेती के बारे में बताया। खेती में प्रयोग होने वाले विभिन्न जैविक रसायनों जैसे- जीवामृत ,घन जीवामृत नीमास्त्र, अग्निशस्त्र आदि के बनाने की विधि और उपयोग के बारे में जानकारी दी। किसान संदीप तिवारी ने कृषकों से जैविक खेती के बारे में अपना अनुभव बताया और कहा कि कम से कम एक या दो एकड़ भूमि से किसानों को इस खेती की शुरुआत कर सकते हैं एवं कृषकों को अपने खेती में केंचुआ खाद, सड़ी गोबर की खाद, हरी खाद का समावेश कर उपयोग बढ़ाने सलाह दी।