विदेश में सीनियर डॉक्टर्स डल्लेवाल की हालत के बारे में वीडियो कॉन्फ्रेंस पर जानकारी लेते हुए।
खनौरी किसान मोर्चा पर आज जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल 48वें दिन भी जारी है। कल जारी मेडिकल बुलेटिन में डल्लेवाल की हालत नाजुक बताई गई है। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है। आज हरियाणा के हिसार से किसानों का एक बड़ा जत्था डल्लेवाल के समर्थन में खनौर
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रिपोर्ट के अनुसार जगजीत सिंह डल्लेवाल के कीटोन बॉडी रिजल्ट की मात्रा 6.53 है, जो सामान्य स्थिति में 0.02 से 0.27 के बीच होनी चाहिए। उनका यूरिक एसिड 11.64 है, जबकि सामान्य स्थिति में यह 3.50 से 7.20 के बीच होना चाहिए।
इसके अलावा बिलीरुबिन डायरेक्ट 0.69 है, जो सामान्य स्थिति में 0.20 से कम होना चाहिए। उनका टोटल प्रोटीन भी कम है और शरीर में सोडियम, पोटैशियम और क्लोराइड की कमी है। लीवर एवं किडनी पैनल परिणाम की सीरम रिपोर्ट 1.67 है, जो सामान्यतः 1.00 से कम होनी चाहिए।
खनौरी मोर्चे पर आने वाले नेताओं को धन्यवाद
किसान नेताओं ने बताया कि कल संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने एक साझा पत्र जारी किया। इस पत्र में सभी किसान नेताओं का धन्यवाद किया गया जो खनौरी मोर्चे पर आए थे और यह आशा व्यक्त की गई कि वे MSP गारंटी कानून और 13 अन्य मांगों के लिए चल रहे आंदोलन को और व्यापक और मजबूत बनाने में सहयोग करेंगे।
इस पत्र में आगे लिखा गया कि “जगजीत सिंह डल्लेवाल की नाजुक स्थिति को देखते हुए हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आपसी मीटिंग को कल या परसों खनौरी मोर्चे पर कर लिया जाए क्योंकि उनकी हालत के मद्देनजर हर पल कीमती है और हम मोर्चा छोड़कर बाहर जाने की स्थिति में नहीं हैं। हमें उम्मीद है कि आप हमारे निवेदन को स्वीकार करेंगे।”
तेलंगाना में भी रखी गई भूख हड़ताल
पंजाब-हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों के किसान भी जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में आगे आ रहे हैं। तेलंगाना के खम्मन में किसानों ने जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के समर्थन भूख हड़ताल रखी। ये भूख हड़ताल 12 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल थी।
पूर्व क्रिकेटर बोले-बातचीत से होता है हर मुद्दे का समाधान
भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाज एवं राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंता जताई है। एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा- किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मैं उन सभी से अनुरोध करता हूं, जो इस मुद्दे को हल कर सकते हैं, क्योंकि हर मुद्दे का बातचीत से समाधान किया जा सकता है। किसान और किसानी को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए l
यूपी में प्रदर्शन से पहले किसान नेता नजरबंद
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को देशभर में गांव स्तर पर मोदी सरकार के पुतले जलाए गए। उत्तर प्रदेश में इस आंदोलन को रोकने के लिए बुलंदशहर और अलीगढ़ समेत कई जिलों में किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया गया, जिससे किसानों में रोष बढ़ गया है।