कुशीनगर के ढाढा चिनिमिल के पास एथनाल प्लांट के लिए किसानों और प्रशासन के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन ने 1 दिसम्बर को पुलिस की लाठियों से किसानों को पीटा और कई को जेल भेज दिया। इसके बाद प्रशासन ने किसानों की जमीनों को कब्जे में लेकर
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धनवसीया देवी की पीड़ा ढाढा गांव की बुजुर्ग विधवा महिला धनवसीया देवी का कहना है कि उनका परिवार खेती के भरोसे ही चलता है और अब उनकी जमीन मिल को दी जा रही है। उनके पति और बेटे की मौत के बाद घर में मवेशी और खेती के बल पर परिवार चल रहा था, लेकिन अब जमीन छिन जाने से उनका परिवार संकट में पड़ गया है।
आकाश का सपना टूटा धनवसीया देवी के पोते, 17 वर्षीय आकाश का कहना है कि उनके पिता और दादा की मौत के बाद उनका परिवार खेती से ही गुजारा करता है, लेकिन अब जमीन का कब्जा मिल को देने से उनका भविष्य अंधेरे में है। आकाश ने बताया कि वे सेना में जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें मजदूरी करने के लिए प्रदेश जाना पड़ सकता है।
किसानों का आरोप: प्रशासन ने किया धोखा किसान विष्णु प्रताप सिंह का आरोप है कि डीएम से मुलाकात के दौरान उन्हें आश्वासन मिला था कि उनकी समस्या का समाधान होगा, लेकिन एडीएम ने इस आश्वासन के तुरंत बाद किसानों को दफ्तर बुलाकर डांट लगाई और फिर 1 दिसम्बर को पुलिस के बल पर जमीन कब्जे में ले ली। किसानों का कहना है कि यदि सरकार उनकी जमीन लेने का फैसला करती है तो उन्हें उचित मुआवजा देना चाहिए।
किसान अब भी विरोध में हैं किसान अब भी अपनी जमीन को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें डर है कि यदि यह स्थिति ऐसे ही जारी रही तो वे भूमिहीन हो जाएंगे। वे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए और कहीं और जमीन दी जाए, ताकि उनका जीवन और उनकी खेती बनी रहे। किसानों का कहना है कि जब तक प्रशासन अपनी कार्रवाई में पारदर्शिता नहीं लाता और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करता, वे संघर्ष करते रहेंगे।