Farhan Akhtar spoke on Raanjhanaa’s AI ending controversy | रांझणा के AI एंडिंग विवाद पर फरहान अख्तर बोले: ‘अगर क्रिएटर को बदलाव अच्छा नहीं लगा, तो मैं उन्हीं के साथ हूं’

37 मिनट पहले

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फिल्ममेकर और एक्टर फरहान अख्तर ने कहा है कि अगर किसी फिल्म के क्रिएटर को अपने काम में बदलाव पसंद नहीं है, तो वह हमेशा उसी के साथ खड़े होंगे।

यह बात उन्होंने अपनी आने वाली फिल्म ‘120 बहादुर’ के टीजर लॉन्च इवेंट में कही। जब उनसे फिल्म ‘रांझणा’ के AI से बदले गए क्लाइमेक्स को लेकर सवाल पूछा गया था।

फरहान ने कहा,

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मैं हमेशा फिल्म के क्रिएटर के साथ रहूंगा। अगर उन्हें अपने काम में बदलाव पसंद नहीं है, तो मेरी निष्ठा क्रिएटर के साथ है। बाकी जो भी हुआ, उसकी पूरी जानकारी मुझे नहीं है।

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'120 बहादुर' के टीजर लॉन्च इवेंट में फरहान अख्तर के साथ एक्ट्रेस राशि खन्ना भी मौजूद थीं।

‘120 बहादुर’ के टीजर लॉन्च इवेंट में फरहान अख्तर के साथ एक्ट्रेस राशि खन्ना भी मौजूद थीं।

गौरतलब है कि ‘रांझणा’ को लेकर फिल्म के डायरेक्टर आनंद एल राय और एक्टर धनुष पहले ही अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। दोनों ने AI से फिल्म का हैप्पी एंडिंग वर्जन तैयार करने पर विरोध किया है। यह बदलाव प्रोडक्शन कंपनी इरोस इंटरनेशनल द्वारा किया गया।

वहीं, ‘120 बहादुर’ में फरहान, परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह भाटी का किरदार निभा रहे हैं। फिल्म का डायरेक्शन रजनीश घई ने किया है। यह प्रोजेक्ट एक्सेल एंटरटेनमेंट और ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज के बैनर तले प्रोड्यूस किया गया है।

फिल्म 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान रेजांग ला की उस लड़ाई पर आधारित है, जिसमें 120 भारतीय सैनिकों ने 3000 से ज्यादा चीनी सैनिकों का सामना किया था।

फिल्म में फरहान अख्तर के साथ विवान भटेना, अंकित सिवाच जैसे कलाकार भी हैं।

फिल्म में फरहान अख्तर के साथ विवान भटेना, अंकित सिवाच जैसे कलाकार भी हैं।

फिल्म को लेकर फरहान ने कहा कि उन्हें पिछली बार किसी प्रोजेक्ट से इतनी जुड़ाव की भावना ‘भाग मिल्खा भाग’ के दौरान महसूस हुई थी।

फिल्म ‘120 बहादुर’ का टीजर मंगलवार को रिलीज किया गया है। टीजर में फरहान अख्तर गंभीर और शांत दिख रहे हैं। फिल्म की शूटिंग लद्दाख, राजस्थान और मुम्बई में हुई है। इसे अब तक के सबसे बड़े स्तर पर तैयार किया गया है। जमी हुई बर्फ से लेकर रणभूमि की खामोशी तक, हर फ्रेम में रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

मेजर शैतान सिंह भाटी को साल 1963 में मरणोपरांत परमवीर चक्र का सम्मान दिया गया था।

मेजर शैतान सिंह भाटी को साल 1963 में मरणोपरांत परमवीर चक्र का सम्मान दिया गया था।

बता दें कि फिल्म को करीब 14,000 फीट की ऊंचाई पर लद्दाख में शूट किया, जहां तापमान कई बार -5 से लेकर -10 डिग्री तक चला जाता था।

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