डॉ. एमके खंडूजा
भिलाई के नेहरू नगर में अपोलो बीएसआर की शुरूआत करने वाले और नामी शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. एमके खंडूजा को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उन्हें कोलकाता से लेकर दुर्ग पहुंच चुकी है। उनके ऊपर बीएसपी कर्मचारियों, शहर के बड़े ग्रुप और अन्य लोगों से
.
दुर्ग पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. खंडूजा बी.एस.आर अपोलो हॉस्पिटल स्मृति नगर के पूर्व संचालक BSR स्कैन सेंटर भिलाई- दुर्ग- नागपुर के डायरेक्टर थे। वो नेहरू नगर पूर्व में रहते थे। पिछले कुछ सालों से वो शहर के लोगों से करोड़ों की धोखाधड़ी करके फरार थे।
भिलाई नेहरू नगर में संचालित था अपोलो बीएसआर
सुपेला थाने की स्मृति नगर चौकी में उनके खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। इस मामले में जांच के दौरान पुलिस को सूचना मिली की डॉ. खंडूजा कोलकाता पश्चिम बंगाल में छिपकर रह रहा है। एसपी दुर्ग जितेंद्र शुक्ला के निर्देश पर उप निरीक्षक वरुण देवता और प्रधान आरक्षक जसपाल सिंह के नेतृत्व में एक टीम को वहां भेजा गया।
पुलिस की टीम ने कोलकाता जाकर शनिवार को डॉ. खंडूजा को गिरफ्तार किया। पुलिस उन्हें लेकर भिलाई पहुंच चुकी है। उन्हें सुपेला थाने में रखा गया है। पुलिस खंडूजा से पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि खंडूजा ने कई करोड़ रुपए का गबन किया है। जल्द ही इस मामले में खुलासा भी किया जा सकता है।
सुपेला पुलिस स्टेशन
बीएसपी रिटायर्ड से की करोड़ों की धोखाधड़ी
डॉ. खंडूजा पहले बीएसपी में डॉक्टर थे। वहां उन्होंने अपनी अच्छी पकड़ बनाई। इसके बाद नौकरी छोड़कर पावर हाउस में एक छोटा सा क्लीनिक खोला। खंडूजा बीएसपी से सांठगांठ करके वहां से रिटायर होने वाले अधिकारी और कर्मचारियों की सूची ले लेता था।
इसके बाद उन लोगों से संपर्क करता था और अपोलो बीएसआर में इनवेस्ट करने की बात कहकर उनकी जीवनभर की कमाई 3-5 प्रतिशत ब्याज देने का वादा करते ले लेता था। ऐसा करके उसने दुर्ग जिले सहित रायपुर, बिलासपुर और राजनांदगांव के बड़े ग्रुप संचालकों और डॉक्टरों से भी मोटी रकम इनवेस्ट कराई थी।
ओपोलो बीएसआर को बेचकर हुआ फरार
डॉ. खंडूजा के ऊपर बैंक का भी बड़ा लोन था। उसे पटाने के लिए उसने लोगों को धाखे में रखकर रकम ली। अपने यहां काम करने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं दी। इसके बाद बैंक का लोन पटाया और फिर पूरे हॉस्पिटल को हाईटेक के संचालक मनोज अग्रवाल और मित्तल के संचालक अशीष मित्तल और सुमन मित्तल को बेच दिया।
यहां से मोटी रकम लेने के बाद उसने लोगों लिया पैसा नहीं लौटाया और भिलाई छोड़कर फरार हो गया। उसका बेटा रोहितास खंडूजा और पत्नी भी अपोलो के डायरेक्टर थे वो अभी भी यहीं रह रहे हैं।
बीएसपी प्रबंधन से मिलीभगत का आरोप
पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस पूरे फ्रॉड में बीएसपी प्रबंधन के कुछ अधिकारियों की भी मिली भगत थी। वो उन लोगों का नाम पता डॉ. खंडूजा को देते थे जो कुछ समय में रिटायर होने वाले होते थे। ऐसे में वो उनसे संपर्क करके उन्हें अधिक ब्याज का लालच देता और अपोलो में इनवेस्ट करने का दावा करके जीवनभर की गाढ़ी कमाई हड़प ले रहा था।