Fake NCERT books from class 1st to 12th are being sold for the greed of commission | सावधान रहें: कमीशन के लालच में पहली से 12वीं तक की एनसीईआरटी की नकली किताबें बिक रहीं – Indore News


शहर की कई स्टेशनरी दुकानों पर अधिक कमीशन के लालच में पहली से 12वीं तक की एनसीईआरटी (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) की डुप्लीकेट किताबें बेची जा रही हैं। इन किताबों में कई चैप्टर अधूरे हैं और सिलेबस भी पूरा नहीं है, जिससे स्टूडेंट्स की

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जिला प्रशासन को डुप्लीकेट किताबें बाजार में बेची जाने की शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। डुप्लीकेट किताबें बेचने वाले दुकानदारों की दुकानें सील की जाएंगी। इंदौर पुस्तक प्रकाशक विक्रेता संघ ने अपने सदस्यों को ऐसा नहीं करने की सख्त हिदायत दी है।

30% मिलता है कमीशन, इसलिए चल रहा नकली बेचने का खेल

नाम न छापने की शर्त पर पुस्तक विक्रेता ने बताया, एनसीईआरटी की ओरिजनल किताबों के बजाए डुप्लीकेट किताबें बेचने पर 30 फीसदी कमीशन मिलता है, जबकि ओरिजनल किताबों पर 10-15 प्रतिशत ही कमीशन मिलता है। इंदौर में अहमदाबाद से एनसीईआरटी की ओरिजनल किताबें आती हैं। डिमांड पूरी नहीं होने पर दिल्ली सहित अन्य शहरों के कुछ प्रकाशक डुप्लीकेट किताबें छापकर सप्लाय करते हैं।

सीबीएसई ने कोर्स किया अपडेट, दुकानों पर पुरानी किताबें ही बिक रहीं- सीबीएसई स्कूल के प्रिंसिपल संजय मिश्रा ने बताया सीबीएसई ने इस साल से कक्षा 3 और 6 के कोर्स में बदलाव किया है। नई पुस्तकों का प्रकाशन जारी है, बावजूद कुछ दुकानदार पुराने कोर्स वाली किताबें ही बेच रहे हैं। इससे बच्चों और पेरेंट्स को नुकसान होगा। बाद में उन्हें अपडेट पुस्तकें खरीदना होंगी।

ओरिजनल किताब के पन्नों पर होता है वाटरमार्क

एक्सपर्ट के मुताबिक किताबों के पन्नों की क्वालिटी, कलर, एनसीईआरटी के लोगो, डायग्राम के शेप्स की मदद से आप जान सकते हैं कि किताब ओरिजनल है या डुप्लीकेट। किताब खरीदते समय उसके पहले के 7-8 पेज चेक करें। हर दूसरे पेज पर एनसीईआरटी का वाटरमार्क होगा। यदि नहीं है तो वह किताब डुप्लीकेट या पायरेटेड है। प्रिंट क्वालिटी, ग्राफिक्स या चित्र भी हलके नजर आते हैं।​​​​​​​

जो डुप्लीकेट किताबें बेच रहे हैं, उन पर कार्रवाई करेंगे
एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबें बिकने से जुड़ी शिकायतें मिली हैं। जिला पंचायत सीईओ को जांच के आदेश दिए हैं। जहां से ऐसी किताबें बेची जा रहीं हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आशीष सिंह, कलेक्टर

शहर में डुप्लीकेट किताबें नहीं बिकना चाहिए। हमने हमारे 250 से अधिक सदस्यों को इसे लेकर सख्त हिदायत दी है। अधिक कमीशन के चक्कर में कुछ दुकानदारों द्वारा ऐसा करने की सूचना मिली है।
यश भूषण जैन, अध्यक्ष, इंदौर पुस्तक प्रकाशक विक्रेता संघ

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