बेंगलुरु16 मिनट पहलेलेखक: डीडी वैष्णव
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भारत स्वयं के 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान अमका प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जो 2-3 साल में पूरा हो जाएगा। रूस भी भारत को यह फाइटर जेट बेचने का ऑफर दे चुका है।
रूसी हथियार कंपनी ने बेंगलुरु एयर शो में कहा कि विमान की सप्लाई के अलावा हम भारत में इसका जॉइंट प्रोडक्शन भी करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि इस साल से अमेरिका भारत को कई अरब डॉलर के सैन्य उपकरण बेचेगा। साथ ही एफ-35 स्टील्थ फाइटर्स देने का भी रास्ता साफ करेगा।
ट्रम्प ने भले ही भारत को एफ-35 विमान देने की पेशकश कर दी हो, लेकिन इस डील को पटरी पर लाना आसान नहीं होगा। अमेरिका को अपनी कांग्रेस से मंजूरी लेनी होगी। फिर भारत लागत पर विचार करेगा।

अमेरिकी रक्षा विभाग का सबसे महंगा विमान F-35 F-35 लड़ाकू विमान 5वीं जनरेशन का विमान है। इसे लॉकहीड मार्टिन ने डेवलप किया है। इस प्लेन को 2006 से बनाना शुरू किया गया था। 2015 से यह अमेरिकी वायुसेना का एक अहम हिस्सा है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के इतिहास में सबसे महंगा विमान F-35 ही है। अमेरिका एक F-35 फाइटर प्लेन पर 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपए) खर्च करता है।
अमेरिका की भारत को जैवलिन और स्ट्राइकर की पेशकश

यह एंटी टैंक हथियार है। अमूमन गुरिल्ला युद्ध में इस्तेमाल करते हैं। ये बेहद सख्त सुरक्षा कवच को भी भेद सकती है। इसे सैनिक कंधे पर रखते और जगह बदलते हैं। इसकी रेंज 2500 मीटर तक होती है। 160 मीटर की ऊंचाई में भी जा सकती है। लंबाई 108 सेमी। वजन- 22.3 किलो।

स्ट्राइकर: सशस्त्र सैन्य वाहन अमेरिकी स्ट्राइकर 8 व्हील वाला सैन्य वाहन है। इसमें 30 एमएम और 105 एमएम की गन है। ये 100 किमी/घंटे से चल सकता है। लंबाई 22 फीट 10 इंच, चौड़ाई 8 फीट 11 इंच, ऊंचाई 8 फीट 8 इंच है। इसे हेलिकॉप्टर से ऊंची जगह पहुंचा सकते हैं। लद्दाख में ट्रायल हो चुका।