Exemption from depositing penalty and interest will be refunded to those who have already deposited | जुर्माना व ब्याज जमा करने से छूट जो जमा कर चुके उन्हें वापस होगी – Bhagalpur News


जीएसटी परिषद की बैठक में तीन वित्तीय वर्ष का जीएसटी में लगने वाली पेनाल्टी और ब्याज में छूट दी गई है। इन वित्तीय वर्ष में मिली छूट से पहले जिन व्यापारियों ने टैक्स जमा कर दिया है अब वे अपनी राशि वापस करने की मांग करेंगे। इसके लिए व्यापारी जिले के का

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हाल ही में संपन्न जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में सरकार ने जुर्माना और ब्याज दोनों से छूट देने का फैसला किया है। आर्थिक सलाहकारों की माने तो कई मामलों में ब्याज और जुर्माना मिलाकर कर मांग से कहीं अधिक है। जीएसटी परिषद की ओर से मिली छूट के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के बीच की अवधि के दौरान जिन्होंने अपने मूल कर की देय को छिपाया था। उन्हें दिसंबर 2023 में नोटिस देकर राशि को जमा कराया गया। यह छूट केवल उन मामलों पर लागू होगी, जहां धोखाधड़ी या गलत बयान जैसे कि फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावे शामिल नहीं हैं।

आर्थिक सलाहकार व सीए प्रदीप झुनझुनवाला ने बताया कि जब जीएसटी लागू हुई थी तो सरकार ने अगले दो वर्षों तक व्यापारियों पर सर्वे करने की छूट दी थी। विभागों ने 2017-18 और 2018-19 के मामलों पर दिसंबर 2022 में नोटिस देकर राशि जमा कराई। नियम के मुताबिक 36 माह के भीतर नोटिस करना होता है। अब जब माफ करने की बात हो ही रही है तो विभाग भी जुर्माना और ब्याज वसूलते हैं तो व्यापारियों को भी ब्याज सहित राशि की वापसी होनी चाहिए। उन्होंने ऐसा इसलिए बताया कि विभाग ने पुराने नियमों के अनुसार जमा कराया है।

हालांकि सरकार ने कहा है कि 2017-18, 2018-19, 2019-20 के लिए जारी डिमांड नोटिस धारा 73 के मामले में, यदि कर का भुगतान 31 मार्च, 2025 तक किया जाता है, तो ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा। जिन्होंने ब्याज व जुर्माना के साथ टैक्स का भुगतान कर दिया है उनकी राशि को वापस किए जाने की मांग करने की बात की जा रही है। कर विशेषज्ञों की माने तो शहर में करीब 7 करोड़ की राशि व्यापारियों ने नोटिस मिलने के बाद उन वित्तीय वर्षों के लिए की जिनमें अब छूट दी गयी है।

कोई लिखित निर्देश नहीं ^ब्याज व जुर्माने की छूट की बात सामने आई है लेकिन अभी सरकार की ओर से किसी तरह का कोई लिखित निर्देश नहीं मिला है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। – विजय कुमार पाठक, संयुक्त आयुक्त, एसजीएसटी

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