EOW filed FIR in Sahara land scam | सुब्रत रॉय के बेटे समेत तीन पर FIR: MP में 1000 करोड़ की 310 एकड़ जमीन 98 करोड़ में बेची; 72.81 करोड़ का गबन – Bhopal News

EOW ने सहारा जमीन घोटाले में FIR दर्ज कर ली है।

मध्यप्रदेश में सहारा जमीन घोटाले में सुब्रत रॉय के बेटे सीमांतो रॉय समेत तीन अफसरों पर EOW (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) ने जांच के बाद शुक्रवार को FIR दर्ज कर ली। इन पर भोपाल, जबलपुर और कटनी की 1000 करोड़ की 310 एकड़ जमीन को 98 करोड़ में बेचने का आरोप है। आश

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तीन शहरों में सहारा की जमीन बेचने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया गया। ग्रुप ने प्रॉपर्टी बिक्री की राशि सेबी-सहारा रिफंड खाते में भी जमा नहीं कराई और 72.82 करोड़ का गबन किया।

किसकी क्या रही भूमिका?

  • जबलपुर और कटनी की भूमि बिक्री के निर्णयों में कॉर्पोरेट कंट्रोल मैनेजमेंट प्रमुख (CCM) सीमांतो रॉय सीधे तौर पर शामिल पाए गए।
  • डीएमडब्ल्यू भोपाल के डीजीएम जेबी रॉय की भूमि सौदे के वित्तीय लेन-देन और निर्णयों में सक्रिय भूमिका थी।
  • सागर भूमि सौदे के निर्णयों में सहारा के लैंड डिवीजन के प्रमुख होने के नाते डिप्टी मैनेजिंग वर्कर ओपी श्रीवास्तव शामिल पाए गए।

इन दो तरीकों से की गई धोखाधड़ी

  • भोपाल और सागर में बिक्री की पूरी राशि 62.52 करोड़ को SEBI-Sahara खाते में जमा नहीं किया गया।
  • जबलपुर, कटनी और ग्वालियर में अवैध कटौतियों के माध्यम से 10.29 करोड़ की हेराफेरी की गई।

जमीन बेची, निवेशकों को पैसा नहीं लौटाया सहारा की जमीन को बेचने के बाद भी सहारा में निवेश करने वालों को पैसा नहीं मिला था। EOW ने इन कंपनियों द्वारा सहारा ग्रुप की जमीन खरीदने की पीई दर्ज कर इसी साल फरवरी महीने में जांच शुरू की थी। मामले में EOW ने क्रेता पक्ष और विक्रेता पक्ष के 9 लोगों से पूछताछ के बाद FIR दर्ज की है।

सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा की जानी थी रकम सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन इन्वेस्टमेंट ग्रुप द्वारा कई शहरों में निवेशकों से धन जुटाकर सहारा सिटी बनाने के उद्देश्य से जमीनें खरीदी गई थीं।

साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट और (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) SEBI द्वारा सहारा समूह को निवेशकों की राशि लौटाने के लिए कम्पनी की प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, जमीन के सौदे की सीमा अधिकतम 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा तक तय की गई थी।

प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति इस शर्त पर दी गई थी कि, पैसे खरीदार द्वारा सीधे मुंबई में बैंक ऑफ इंडिया के सेबी-सहारा रिफंड खाता नंबर 012210110003740 में जमा किए जाएंगे।

सहारा ग्रुप ने शैल कंपनियों में जमा कराए रुपए ईओडब्ल्यू के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार भोपाल स्थित जमीन बेचकर सेबी-सहारा रिफंड खाते में रुपए जमा कराने के नियम का भी उल्लंघन किया गया है।

सहारा ग्रुप ने ये रुपए सहारा इंडिया रियल एस्टेट लिमिटेड, सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन और निजी शैल कम्पनियों के खातों में जमा कराए।

खरीदार कंपनियों ने कहा-हम धोखाधड़ी में शामिल नहीं सहारा मामले में जमीन खरीदार सीनेप रियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड जबलपुर और न्यासा देवबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड मुंबई ने अपने वकील सिद्धार्थ शुक्ला के माध्यम से बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि सहारा समूह से संबंधित कंपनियों की कटनी, जबलपुर एवं भोपाल में स्थित जमीनों की खरीदी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कानूनी रूप से किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार विक्रेता सहारा समूह की जिम्मेदारी थी कि वह संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त राशि SEBI-सहारा खाते में जमा कराएं।

वकील ने कहा- जांच में पूरा सहयोग करेंगे वकील सिद्धार्थ शुक्ला ने कहा कि ⁠जमीन कलेक्टर गाइडलाइन पर ही बैंकिंग चैनल और चेक से भुगतान कर किया गया है। टीडीएस भी काटा गया था। मेरे मुवक्किल किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी व गैर कानूनी कार्य में संलिप्त नहीं हैं। जमीनों के क्रय संबंधित कोई भी जांच होती है तो मेरे मुवक्किल पूरा सहयोग करेंगे।

जमीन का मालिकाना हक विधायक के परिजन के पास सीनेप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड का मालिकाना हक पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक संजय पाठक के परिजनों के पास है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (आरओसी) में मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक, कंपनी के 50% शेयर निर्मला पाठक (माता) और 50% शेयर यश पाठक (पुत्र) के पास है। इस कंपनी के प्रेफरेंशियल शेयर यूरो प्रतीक इस्पात लिमिटेड के पास हैं।

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भोपाल में सहारा की 200 करोड़ की जमीन 50 करोड़ में बेची

भोपाल में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी, क्वालिटी ग्रुप और ईशान ग्रुप के संचालकों और इनसे जुड़े ब्रोकर्स के 52 ठिकानों पर आयकर ने छापमार कार्रवाई की। छापे में सहारा समूह के आम निवेशकों के साथ हुई धोखाधड़ी के कागजात भी सामने आए हैं। सहारा समूह के जिम्मेदारों की मिलीभगत से भोपाल में 200 करोड़ से ज्यादा की 110 एकड़ जमीन मार्च 2022 में महज 50 करोड़ में बेच दी गई। सुप्रीम कोर्ट में 2014 में प्रस्तुत रिपोर्ट में इस जमीन की अनुमानित कीमत 125 करोड़ आंकी गई थी। पढ़ें पूरी खबर

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