वॉशिंगटन4 मिनट पहले
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अमेरिकी बिजनेसमैन इलॉन मस्क ने कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो के हार की भविष्यवाणी की है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक जर्मनी में सरकार के गिरने के बाद एक यूजर ने पोस्ट किया था कि कनाडा को ट्रूडो से छुटकारा दिलाने के लिए मस्क की मदद चाहिए। इस पर मस्क ने कहा कि कनाडा में ट्रूडो अगले चुनाव में खुद ही हार जाएंगे।
जर्मनी में सरकार गिरने को लेकर मस्क ने चांसलर शॉल्ज का मजाक उड़ाया और उन्हें ‘मूर्ख’ कहा। दरअसल, जर्मनी में चांसलर ने अपने वित्त मंत्री क्रिस्टियान लिंडनर को निकाल दिया है। लिंडनर फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी (FDP) के नेता हैं जो शॉल्ज सरकार का समर्थन कर रही थी। FDP के गठबंधन छोड़ने से शॉल्ज की सरकार अल्पमत में आ गई है।
जर्मनी में सोशल डेमोक्रेटिक, FDP और ग्रीन पार्टी मिलकर सरकार चला रहे थे। इस गठबंधन का नाम ‘ट्रैफिक लाइट’ था।
यूक्रेन की मदद कर आर्थिक संकट में फंसा जर्मनी गठबंधन के टूटने को लेकर चांसलर शॉल्ज ने कहा कि देश की इकोनॉमी को ठीक करने के लिए वित्त मंत्री को बाहर का रास्ता दिखाना जरूरी था। दरअसल, रूस-यूक्रेन जंग को लेकर जर्मनी की इकोनॉमी गड़बड़ा गई है। जर्मनी, अमेरिका के बाद यूक्रेन की सबसे ज्यादा आर्थिक मदद कर रहा है।
जर्मन इकोनॉमी को ठीक करने के लिए चांसलर वित्तीय संस्थाओं से ज्यादा कर्ज लेना चाहते थे। लेकिन वित्त मंत्री इसका विरोध कर रहे थे। वे खर्च में कटौती पर जोर दे रहे थे। जब वित्त मंत्री ने कर्ज लेने की अनुमति नहीं दी तो चांसलर शॉल्ज ने उन्हें बाहर निकाल दिया।
शॉल्ज ने कहा कि लिंडनर को दुनिया की फिक्र नहीं है। वह छोटे मकसद पर ध्यान लगाए बैठे हैं। इसके जवाब में लिंडनर ने कहा कि वे देश की जनता पर और टैक्स लादना नहीं चाहते थे।
शॉल्ज ने कहा कि वे 15 जनवरी 2025 को विश्वास मत हासिल करने की कोशिश करेंगे। अगर सरकार को बहुमत नहीं मिला तो मार्च के अंत तक देश में चुनाव हो सकते हैं। जर्मनी में अगला चुनाव सितंबर 2025 में होना था। वहां हर 4 साल पर चुनाव होते हैं।
जर्मनी में समय से पहले चुनाव कराने का अधिकार निचले सदन या फिर चांसलर के पास नहीं होता है। इसके लिए राष्ट्रपति और कई संवैधानिक संस्थाओं की मंजूरी लेनी होती है। जर्मनी के निचले सदन में 733 सीटें हैं। बहुमत साबित करने के लिए 367 सीटें चाहिए।
कनाडा में भी अगले साल चुनाव, अल्पमत की सरकार चला रहे ट्रूडो कनाडा में 2025 में चुनाव हो सकते हैं। जस्टिन ट्रूडो 2015 से सत्ता में बने हुए हैं। 2019 और 2021 में ट्रूडो की पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर सकी थी और वे दूसरी पार्टी के समर्थन से सरकार में हैं। सितंबर में जगमीत सिंह की NDP पार्टी ने उनसे समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद से ट्रूडो अल्पमत की सरकार चला रहे हैं।
ट्रूडो सरकार से जनता नाराज, चुनाव में हो सकता है नुकसान कनाडा में अगला चुनाव अक्टूबर 2025 में हो सकता है। इसमें ट्रूडो की लिबरल पार्टी का मुकाबला कंजर्वेटिव पार्टी सहित, न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी, ब्लॉक क्यूब कॉइंस और ग्रीन पार्टी भी मैदान में उतरेंगी।
BBC के मुताबिक बीते कुछ साल में कनाडा में महंगाई, आवास से जुड़े मुद्दों को लेकर लोगों के बीच निराशा बढ़ी है। चुनावी सर्वे में भी इसकी झलक देखने को मिली है। ट्रूडो की लिबरल पार्टी की लोकप्रियता लगातार गिरती जा रही है।
जस्टिन ट्रूडो की सरकार के प्रदर्शन से कनाडाई लोगों में नाराजगी है। 10 में से 7 कनाडाई (68%) असंतुष्ट हैं, जबकि केवल 27% का कहना है कि वे सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं। केवल 5% लोगों ने ट्रूडो सरकार से बहुत संतुष्ट होने की बात कही। ……………………………………………….
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