वाराणसी के दशाश्वमेध क्षेत्र की कालिका गली स्थित गोल्डन लॉज में विजिलेंस टीम द्वारा लगभग 22 लाख रुपये की बिजली चोरी पकड़ी गई। लॉज में कई वर्षों से लगभग 16 किलोवॉट बिजली का सीधे उपभोग हो रहा था। इसके लिए डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स से सीधे केबल जोड़ा गया था।
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विभाग की टीम ने मारा छापा।
अधिशासी अभियंता ने की कार्रवाई
मीटर विभाग के अधिशासी अभियंता संतोष प्रसाद को गोल्डन लॉज में बिजली की बड़ी चोरी की सूचना मिली थी। इस पर उसके स्थायी कनेक्शन की एमआरआई रिपोर्ट निकाली गई। पता चला कि नौ किलोवाट के कनेक्शन पर पिछले छहमहीने से लोड नहीं दिया जा रहा था। कनेक्शन पर एक महीने में सिर्फ तीन से चार घंटे ही लोड देने की जानकारी मिली। जबकि कई कमरों वाले लॉज में नौ एसी समेत बिजली के कई उपकरण लगे हैं।
लॉज के लाइट को कटवाया।
पाइप के अंदर से ले गया था केवल
चोरी का संदेह पुष्ट करने के लिए विभागीय टीम लॉज पर पहुंची तो उसके संचालक ने अंदर प्रवेश करने से रोक दिया। तब विजिलेंस टीम बुलाई गई। फोर्स के साथ विजिलेंस जांच के दौरान लॉज में नौ एसी चलते मिले। लॉज संचालक ने डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स से केबल जोड़कर उसे सबसे ऊपर तल पर ले गया था। किसी शक न हो, इसलिए केवल को पाइप के अंदर से ले गया था। उसी से पूरे लॉज में बिजली जलाई जा रही थी।
विजिलेंस की टीम पहुंचे पर शुरू हुई छापेमारी।
भेलूपुर खंड के अभियंता कटघरे में
गोल्डन लॉज में बिजली चोरी पकड़े जाने के बाद भेलूपुर डिविजन के अभियंताओं और संविदा कर्मचारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। चर्चा रही कि बिना उनकी मिलीभगत से इतनी बड़ी बिजली चोरी असंभव है। यह बात भी सुनी गई कि क्षेत्र में कहीं भी बिजली कनेक्शनों की जांच होती थी, तब इस लॉज में कोई नहीं आता था।