Efforts to eradicate malnutrition in the state | प्रदेश में कुपोषण मिटाने की कवायद: नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने से पहले निकटतम सेंटर की दूरी व उनके नामांकन की करेंगे जांच – Barmer News


तमाम प्रयासों के बाद भी प्रदेश के कई क्षेत्रों में कुपोषण समस्या बनी हुई है। इससे निजात के लिए राज्य सरकार प्रदेश में 1 हजार नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलेगी। यहां 6 वर्ष तक के बच्चों को पौष्टिक आहार के साथ पूर्व प्राथमिक शिक्षा भी दी जाएगी। साथ ही गर्भवती

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इन नए केंद्रों की घोषणा बजट में की गई थी। अब महिला एवं बाल विकास विभाग इन्हें शुरू करने की कवायद कर रहा है। जिला स्तर पर भेजे निर्देशों के अनुसार दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इससे पहले आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए कार्यकर्ता और सहायिका का चयन किया जाना है। किसी वजह से अगर इनके चयन में देरी होती है तो पहले से संचालित निकटतम आंगनबाड़ी केंद्र के कर्मचारी को यहां की भी जिम्मेदारी दी जाएगी। केंद्रों की दूरी व संचालित केंद्रों का नामाकंन देखेंगे।

नए आंगनबाड़ी के प्रस्ताव जिला स्तर से मिले थे। कई बार संशोधन के बाद अब नए केंद्रों को खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जरूरी संसाधन जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें आवश्यक प्राथमिक उपकरणों व संसाधनों के लिए प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर 60 हजार से ज्यादा रुपए दिए जाएंगे। जिसमें प्री स्कूल किट, मेडिकल किट, फर्नीचर, जीएमडी उपकरण, स्मार्ट फोन, गैस कनेक्शन, बर्तन सहित अन्य चीजें शामिल हैं।

चेक करेंगे दो सेंटरों पर नाम तो नहीं

नए खोले गए 1000 आंगनबाड़ी केंद्र 2011 की जनगणना के आधार पर होंगे। प्रदेश के सभी जिलों में यह केंद्र खोले जाएंगे। कम से कम एक जिले में 5 सेंटर दिए गए हैं, जबकि अधिकतम 40 तक हाेंगे। बच्चों, महिलाओं व किशोरियों के नाम एक से ज्यादा केंद्रों पर नहीं हो, इसके लिए विभागीय अधिकारी जांच करेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 6 वर्ष तक के बच्चे, गर्भवती धात्री महिलाएं, किशोरी– बालिकाओं का आसपास के एक से ज्यादा सेंटरों पर दोहरा नाम तो नहीं लिखा गया है। कई सेंटरों पर नामांकन की संख्या दर्शाने में ज्यादा होती है लेकिन भौतिक सत्यापन के दौरान उपस्थिति कम होती है।

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