Education Ministry Big decision case update news, New examination system for 5th and 8th class students, | शिक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला: 5वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए नई परीक्षा प्रणाली, अब टीचर वार्षिक परीक्षा में छात्रों को कर सकेंगे फेल – Karnal News

कक्षा में बैठकर पढ़ाई करते छात्रों की प्रतीकात्मक फोटो।

देश भर में पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए शिक्षा मंत्रालय ने बड़े बदलाव किए हैं। नए नियमों के मुताबिक, हर शैक्षणिक वर्ष के लास्ट में 5वीं और 8वीं कक्षाओं में नियमित परीक्षाएं होगी। अगर कोई छात्र इन परीक्षाओं में फेल होता है, तो उसे दो महीने

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मिलेगा सिर्फ एक मौका

नोटिफिकेशन के मुताबिक, यदि छात्र पुनः परीक्षा में भी सफल नहीं होते, तो उन्हें उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा। इस दौरान छात्र को सुधारने के लिए शिक्षकों की ओर से विशेष मार्गदर्शन दिया जाएगा। शिक्षक न केवल छात्र के प्रदर्शन पर ध्यान देंगे, बल्कि उनके माता-पिता को भी आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे।

एक्सपर्ट की मदद होगी सीखने की कमी पूरी

​​​​​​​शिक्षक छात्रों की परफोर्मेंस का आंकलन करेंगे और उनकी सीखने की कमी को दूर करने के लिए विशेषज्ञीय इनपुट प्रदान करेंगे। स्कूल के प्रधानाध्यापक ऐसे छात्रों की सूची बनाएंगे और उनके विकास की नियमित रूप से निगरानी करेंगे। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को उनकी जरूरत के अनुसार सहायता मिल सके।

शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किया पत्र।

शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किया पत्र।

रट्टा प्रणाली पर रोक

​​​​​​​इस नई पहल के तहत परीक्षा और पुनः परीक्षा सक्षमता-आधारित होंगी। छात्रों को रटने और प्रक्रियात्मक कौशल पर आधारित सवालों के बजाय उनके समग्र विकास और व्यावहारिक ज्ञान को परखा जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्रों को प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने तक किसी भी परिस्थिति में स्कूल से बाहर न किया जाए।

नियमों का उद्देश्य शिक्षा में गुणवत्ता का सुधार

​​​​​​​नए नियमों का मुख्य उद्देश्य शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ावा देना है। पांचवीं और आठवीं कक्षा में रोकने का प्रावधान लागू कर शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों की शिक्षा के प्रति गंभीरता को बढ़ाने का प्रयास किया है। यह कदम छात्रों की बुनियादी समझ और कौशल को मजबूत करने में सहायक होगा।

पिछले नियमों में किया गया बदलाव

​​​​​​​इससे पहले, प्रारंभिक शिक्षा के दौरान किसी भी छात्र को कक्षा में रोकने की परमिशन नहीं थी। हालांकि, अब पांचवीं और आठवीं कक्षा में प्रदर्शन के आधार पर रोकने की परमिशन दी गई है। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि यह बदलाव छात्रों की सीखने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाएगा।

छात्रों के लिए क्या बदल जाएगा?

हर साल पांचवीं और आठवीं कक्षा में नियमित परीक्षा होगी।

– फेल छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा का मौका मिलेगा।

– दोबारा फेल होने पर छात्र को उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा।

– रोके गए छात्रों को विशेष मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जाएगी।

क्या कहते है शिक्षा अधिकारी

​​​​​​​करनाल में जिला शिक्षा अधिकारी सुदेश ठकराल का कहना है कि इस बदलाव से न केवल छात्रों का शैक्षणिक स्तर सुधरेगा, बल्कि उनकी शिक्षा को और अधिक व्यवस्थित और सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। यह कदम शिक्षा क्षेत्र में एक नई दिशा देने की कोशिश है।

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