Due to heavy rains in Surguja and Korba, many villages were cut off from the headquarters | आफत की बारिश: सरगुजा व कोरबा में झमाझम वर्षा से कई गांवों का संपर्क मुख्यालय से कटा – Ambikapur (Surguja) News


गुरुवार की रात से लेकर शुक्रवार की सुबह तक हुई बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। वहीं, पहाड़ी इलाके के पहाड़ भी दरकने लगे हैं। अंबिकापुर-रामानुजगंज नेशनल हाइवे 343 पर शुक्रवार की सुबह दलघोवा घाट के पास चट्टान का एक हिस्सा दरक गया। हाइवे पर पेड़ भी गिर गया।

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फुटू लेने जंगल जा रही महिला नाले में बहकर हुई लापता
बलरामपुर जिले के डिडो चौकी के अंतर्गत आने वाले चेरा गांव की महिला नाले में बह गई। सात घंटे बाद भी महिला का कुछ पता नहीं चला है। वहीं, दूसरी घटना में दो बाइक सवार नाला पार करते हुए बह गए, लेकिन उन्हें किसानों ने बचा लिया। रजवंती पंड़ो (55) अपने चार साथियों के साथ पंडरडाहा धसवा नाला पार कर जंगल में फुटू लेने जा रही थी। इलाके में बारिश अधिक होने के कारण नाले में पानी अधिक था, जैसे ही सभी महिलाएं नाला पार करने की कोशिश कर रही थी, तभी रजवंती का पैर फिसल गया और वह गिर कर पानी में बह गई।

एसईसीएल के गेवरा खदान में दूसरी बार भारी बारिश से शुक्रवार सुबह जल सैलाब आया। पानी के साथ मिट्‌टी, पत्थर आने से मेंटेनेंस के लिए खड़े कई वाहन फंस गए। वाहनों का आधा हिस्सा मिट्‌टी में दबा हुआ है। इससे कोयला उत्पादन नहीं हो सका। खदान के हॉल रोड पर भी पानी भर गया। यहां पर नियोजित निजी कंपनी की कैंप में खड़ी दर्जनों भारी वाहन भी फंस गई, जो कोयले व मिट्‌टी के परिवहन में लगी थी। हॉल रोड के किनारे को मिट्‌टी से घेरा गया है, पानी का तेज बहाव होने से यह घटना हुई है। खनन फेस पर जल सैलाब आने से पहले कर्मचारियों के सुरक्षित बाहर निकलने से बड़ा हादसा टल गया।

वाहनों को छोड़कर सुरक्षित निकले कर्मचारी, उत्पादन बंद
गेवरा खदान में पानी का तेज बहाव हॉल रोड के रेम्प की मिट्टी को काटते हुए आगे बढ़ा, लेकिन भारी वाहनों के अलावा कैम्पर वाहन लेन पर फंसे रहे। जिसे निकालने निजी कंपनी को खासी मशक्कत करनी पड़ी। समय रहते खतरे को भांपकर खनन फेस व निजी कंपनी के कैंप से वाहनों को छोड़कर कर्मचारी सुरक्षित जगह पर पनाह ली। इससे बड़ा हादसा टल गया। मिट्‌टी हटाने के बाद ओवरबर्डन को डंप किया गया है, जिसके बीच में खनन फेस होने से बारिश में लैड स्लाइड की घटना होने पर हादसे का खतरा रहता है। कर्मचारियों को सुरक्षित निकलना रहता है।

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