मुजफ्फरपुर के मोतीपुर ब्लॉक के रहने वाले बिपिन यादव आज क्षेत्र में जाना-पहचान नाम है। वो बत्तख पालन के व्यवसाय से जुड़े हैं और रोजाना 17 सौ अंडे का उत्पादन ले रहे हैं। अब बिपिन के साथ उनके दो और भाई इस काम में जुड़ गए हैं।
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बिपिन ने 2016 में डेढ़ लाख रुपए कर्ज लेकर बत्तख पालन की शुरुआत की थी। अब बिपिन सालाना 25 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं।

बिपिन ने 2 बीघा जमीन में बत्तख का दो फार्म खोल रखा है।
10 कट्टा जमीन लीज पर लेकर फार्म खोला था
घर की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने की वजह से बिपिन ने 10वीं तक ही पढ़ सके। उनके भाई भी 10वीं तक ही पढ़े हैं। फिलहाल इन्होंने 2 बीघा जमीन में बत्तख फार्म खोल रखा है।
बिपिन बताते हैं कि पहली बार 2016 में डेढ़ लाख रुपए कर्ज लेकर एक हजार चूजा खरीदा और इनका पालन शुरू किया। इसके लिए 10 कट्टा जमीन लीज पर लेकर फार्म खोला। इसके बाद धीरे-धीरे व्यापार को बढ़ाता चला गया।

चूजा 4 महीने में अंडे देने लायक बत्तख बन जाते हैं
बिपिन यादव ने हेचरी मशीन लगा रखी है। इस मशीन से अंडे से चूजा तैयार करते हैं। वहीं, फॉर्म में काफी हिस्से में पानी है। इसी में बत्तख घूमते हैं। चूजा 4 महीने में अंडे देने लायक बत्तख बन जाते हैं। बिपिन के मुताबिक, अब खरीदार खुद फॉर्म पर आते हैं और अंडे ले जाते हैं। खरीदार में सैंपू और केक बनाने वाले लोग भी शामिल हैं।

बत्तख तीन साल के बाद अंडा देना बंद कर देती है।
एक बत्तख साल में 280 अंडे देती है
बिपिन के पास फिलहाल 34 सौ बत्तख है। बिपिन ने बताया कि जो कमाई हो रही है, उसमें से बत्तख के पालन में खर्च भी होता है। एक बत्तख साल में 280 अंडा देती है। बत्तख तीन साल के बाद अंडा देना बंद कर देती है तो उसे खाने के लिए बेंच दिया जाता है। फिर उन पैसों से नए चूजे खरीद उन्हें अंडा देने के लिए तैयार किया जाता है।