DU principal plastered classroom with cow dung | डीयू प्रिंसिपल ने क्लास रुम में गोबर का लेप लगाया: कहा- यह रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा, कमरे को ठंडा रखने के लिए देसी तरीका अपना रहे

नई दिल्ली44 मिनट पहले

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प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला ने के अनुसार यह काम एक रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है। - Dainik Bhaskar

प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला ने के अनुसार यह काम एक रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज की प्रिंसिपल का क्लास रुम की दीवारों पर गोबर का लेप लगाते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है। प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला के अनुसार यह काम एक रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है।

उन्होंने खुद ही कॉलेज के शिक्षकों के साथ यह वीडियो शेयर किया है। वीडियो में प्रिंसिपल ने बताया कि क्लास रुम को ठंडा रखने के लिए ये देसी तरीके अपनाए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया- यह एक रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो कॉलेज के एक फैकल्टी सदस्य की देखरेख में चल रहा है। रिसर्च फिलहाल प्रक्रिया में है और पूरा डेटा एक हफ्ते बाद साझा किया जाएगा।

डॉ. वत्सला ने कहा, ‘यह रिसर्च पोर्टा कैबिन्स में की जा रही है। मैंने खुद एक कमरे की दीवार पर गोबर लगाया क्योंकि मिट्टी और गोबर जैसे प्राकृतिक चीजों को छूने में कोई हर्ज नहीं है। कुछ लोग बिना जानकारी के अफवाह फैला रहे हैं।’

क्लास रुम को ठंडा रखने के लिए ये देसी तरीके अपनाए जा रहे हैं।

क्लास रुम को ठंडा रखने के लिए ये देसी तरीके अपनाए जा रहे हैं।

प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला – गर्मियों में क्लास रूम्स को ठंडा रखने की देसी तकनीक वीडियो में देखा जा सकता है की प्रिंसिपल दीवारों पर गोबर लगा रही हैं। यहां गर्मियों में क्लास रूम को ठंडा रखने के लिए ये देसी तकनीक अपनाई जा रही है। प्रिंसिपल के अनुसार इस प्रोजेक्ट का नाम ‘पारंपरिक भारतीय ज्ञान का उपयोग करके थर्मल स्ट्रेस कंट्रोल का अध्ययन’ है। रानी लक्ष्मीबाई कॉलेज दिल्ली के अशोक विहार में है। इसकी स्थापना 1965 में हुई थी।

पहले क्यों गोबर से लीपा जाता था घर

सनातन परंपरा में गोबर को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना गया है। किसी भी धार्मिक आयोजन से पहले घर के आंगन को गोबर से लिपा जाता था। इसके साथ ही गोबर से घर लीपने के कई अन्य कारण भी थे –

  • घर में मक्खियों, मच्छरों को भी दूर भगाता है गोबर- गोबर कीट-पतंगों से रक्षा करने में काफी असरदार होता है। इससे घर में मक्खियां, मच्छर, और कीट दूर रहते हैं। यही कारण है कि गांवों में गोबर से लिपे घरों में रोगों का प्रकोप कम देखा गया है। इसके अलावा, यह पूरी तरह जैविक है, पर्यावरण के अनुकूल है।
  • घर को ठंडा रखता हैगाय के गोबर में बेहतरीन इन्सुलेटिंग गुण होते हैं। गोबर और मिट्टी के मिश्रण से फर्श को लीपने से घर के अंदर का तापमान स्थिर रहता है। गर्म जलवायु में, ये घर के अंदर के तापमान को ठंडा रखने में मदद करता है, जबकि ठंडे क्षेत्रों में, यह गर्मी बनाए रखने में करता है।
  • धूल से बचाव – कई ग्रामीण इलाकों में, कच्चे फर्श से बहुत ज़्यादा धूल जम जाती थी, जो न केवल परेशानी का सबब है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरा होता था। जब गाय के गोबर को पानी में मिलाकर फर्श पर लगाया जाता है, तो एक सख्त, चिकनी सतह बनती है, जिससे घर में धूल की मात्रा काफ़ी कम हो जाती है। इससे रहने का माहौल साफ और ज़्यादा आरामदायक हो जाता है।

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