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नई दिल्ली3 घंटे पहले
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भारत में इस साल अगस्त में ऑनलाइन मनी बेस्ड गेमिंग पर बैन लगा था।
भारत की सबसे बड़ी फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनी ड्रीम 11 ने एक साथ 11 देशों में अपना प्लेटफॉर्म लॉन्च कर दिया है। इन देशों में अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और UAE जैसे बड़े बाजार शामिल हैं।
ड्रीम 11 ने भारत में ऑनलाइन गेमिंग कानूनों में आए बदलावों से अपने मुख्य बिजनेस मॉडल को झटका लगने के बाद यह कदम उठाया है।
दरअसल, भारत सरकार ने हाल ही में नया कानून लाकर ऑनलाइन मनी बेस्ड गेमिंग को बैन कर दिया गया था। नए कानून के कारण ड्रीम 11 की कमाई 95 प्रतिशत कम हो गई है।
मनी बेस्ड गेमिंग पर बैन के बाद बदला मॉडल
नए कानूनों के बाद ड्रीम 11 ने फ्री-टू-प्ले (बिना पैसे वाला गेम) मॉडल को अपनाया है। इस मॉडल की कमाई का आधार अब विज्ञापन और स्पॉन्सरशिप हैं। ड्रीम 11 ने जिन अन्य देशों में अपना प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है उनमें न्यूजीलैंड, कनाडा, मलेशिया, नेपाल, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका शामिल हैं।
सबसे अहम बात यह है कि कंपनी इन नए बाजारों में रियल-मनी गेम्स (पैसा लगाकर खेलने वाले गेम) ऑफर नहीं करेगी, यानी यहां भी कमाई का जोर विज्ञापनों पर ही रहेगा।

अगस्त में ऑनलाइन मनी बेस्ड गेमिंग पर बैन लगा था
22 अगस्त को ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद ये कानून बन गया था। 21 अगस्त 2025 को राज्यसभा ने और उससे एक दिन पहले लोकसभा ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को मंजूरी दी थी। इस बिल को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेश किया था।
ऑनलाइन गेमिंग कानून में 4 सख्त नियम
इस कानून में कहा गया है कि चाहे ये गेम्स स्किल बेस्ड हों या चांस बेस्ड दोनों पर रोक है।
- रियल-मनी गेम्स पर रोक: कोई भी मनी बेस्ड गेम ऑफर करना, चलाना, प्रचार करना गैरकानूनी है। ऑनलाइन गेम खेलने वालों को कोई सजा नहीं होगी।
- सजा और जुर्माना: अगर कोई रियल-मनी गेम ऑफर करता है या उसका प्रचार करता है, तो उसे 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। विज्ञापन चलाने वालों को 2 साल की जेल और 50 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
- रेगुलेटरी अथॉरिटी: एक खास अथॉरिटी बनाई जाएगी, जो गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलेट करेगी, गेम्स को रजिस्टर करेगी और ये तय करेगी कि कौन सा गेम रियल-मनी गेम है।
- ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा: पबजी और फ्री फायर जैसे ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को सपोर्ट किया जाएगा। ये गेम्स बिना पैसे वाले होते हैं इसलिए इन्हें बढ़ावा मिलेगा।

मनी बेस्ड गेमिंग से आर्थिक नुकसान हो रहा था
सरकार का कहना था कि मनी बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग की वजह से लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान हो रहा था। कुछ लोग गेमिंग की लत में इतना डूब गए कि अपनी जिंदगी की बचत तक हार गए और कुछ मामलों में तो आत्महत्या की खबरें भी सामने आईं।
अनुमान था कि करीब 45 करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं और मिडिल-क्लास परिवारों के 20,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे गेमिंग डिसऑर्डर के रूप में मान्यता दी है।
