प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की नए सिरे से गिनती, दस्तावेजों की खोजबीन और कब्जे की गणना शुरू हो चुकी है। इस काम की जिम्मा राज्य वक्फ बोर्ड ने मुतवल्लियों, मस्जिद प्रबंधन कमेटियों को सौंपा है। जैसे-जैसे संपत्तियों का पता चल रह है, राज्य वक्फ बोर्ड कब्जा
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इस मुद्दे पर दैनिक भास्कर ने बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सलीम राज से पूछा- क्या आप सालों से जमे कब्जाधारियों को बेदखल कर पाएंगे? बोले- मुश्किल है, लेकिन किराएदार बना सकते हैं। इससे ऑन रिकॉर्ड संपत्तियां बोर्ड की होंगी। किराया मिलने लगेगा तो राजस्व बढ़ेगा। इसका इस्तेमाल सामाजिक कार्यों में होगा। सवाल- किराएदार बनाना आसान होगा, क्योंकि रसूखदारों के कब्जे हैं? जवाब कानूनी, अदालती का विकल्प है।
उधर, रायपुर के कुरा गांव समेत राज्य के कई हिस्सों में वक्फ संपत्तियों (जमीनों) की रजिस्ट्री हो चुकी हैं। अब इन संपत्तियों को शून्य घोषित करवाने के लिए कलेक्टरों को लिखा जा रहा है। रायपुर में 12 एकड़ जमीन को शून्य करवाने पत्र लिखा जा चुका है। रायपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर, बलौदाबाजार, जगदलपुर में वक्फ की दुकानों पर सालों से काबिज दुकानदारों को मौजूदा समय के हिसाब से नए रेंट एग्रीमेंट के नोटिस जारी हुए हैं।