Dr. Prem Prakash Singh became the Vice Chancellor of Sarguja University | डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह बने सरगुजा विश्वविद्यालय के कुलपति: प्रो. अशोक सिंह को हटाया गया, राज्यपाल रमेन डेका ने जारी किया आदेश – Ambikapur (Surguja) News

कुसमी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह बने कुलपति।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने राज्य शासन से परामर्श पर डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह (प्रोफसर प्राणीशास्त्र) को संत गहिरा गुरू यूनिवर्सिटी सरगुजा का नया कुलपति नियुक्त किया है। डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह वर्तमान में स्व. श्री महली भगत कॉलेज कुसमी बलरामपुर में

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संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी में कुप्रशासन और अव्यवस्था को लेकर कुलपति प्रोफेसर अशोक सिंह की शक्ति को क्षीण करते हुए धारा 52 लागू कर दिया गया था। इसके साथ ही कुलपति प्रो. अशोक सिंह की सारी शक्तियां छीन ली गई थी। धारा 52 की अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रो. अशोक सिंह को हटाना जाना तय हो गया था।

नए कुलपति की नियुक्ति का आदेश जारी।

नए कुलपति की नियुक्ति का आदेश जारी।

नए कुलपति की नियुक्ति का आदेश जारी

राज्यपाल रमेन डेका ने डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह, प्राध्यापक, (प्राणीशास्त्र) को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में नियुक्त किया है। एक और आदेश जारी कर वर्तमान कुलपति प्रो. अशोक सिंह को कुलपति के पद से हटा दिया है। धारा 52 लागू किए जाने के बाद प्रो. अशोक सिंह ने राज्यपाल कार्यालय पहुंचकर पद पर बने रहने की कोशिश भी की थी।

हटाए गए कुलपति प्रो. अशोक सिंह।

हटाए गए कुलपति प्रो. अशोक सिंह।

इन आरोपों पर हटाए गए कुलपति

प्रो. अशोक सिंह को संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय सरगुजा के कार्यकलापों से कुप्रशासन, भारी अव्यवस्था और अन्य आरोपों से घिरे रहने के कारण हटाया गया है। धारा 52 की जारी अधिसूचना में कहा गया था कि विश्वविद्यालय में आंतरिक विवाद एवं समन्वय के अभाव के कारण स्वस्थ शैक्षणिक एवं प्रशासनिक वातावरण का अभाव है।

जनसाधारण एवं छात्रों की दृष्टि में विश्वविद्यालय के प्रति विश्वसनीयता में काफी गिरावट आई है। कुलपति प्रो. अशोक सिंह के खिलाफ महिला आयोग में भी शिकायत हुई थी, जिसमें उन पर प्रताड़ना और छेड़छाड़ के आरोप लगे थे। इस मामले में प्रो. अशोक सिंह को नोटिस जारी किया गया है।

दूसरे कुलपति, जिन्हें हटाया गया

संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी सरगुजा के कुलपति प्रो. अशोक सिंह दूसरे कुलपति हैं, जिन्हें धारा 52 के तहत हटाया जा रहा है। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में 2020 में तत्कालीन कुलपति प्रो. रोहिणी प्रसाद को भी इसी प्रक्रिया के तहत पद से हटाया गया था।

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