Donald Trump Vs WHO; General Tedros Adhanom | US News | अमेरिका को WHO में वापस लाने की अपील: WHO चीफ बोले- सदस्य देश ट्रम्प पर दबाव डालें; US इसका सबसे बड़ा दानदाता


वॉशिंगटन DC47 मिनट पहले

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस का कहना है कि अमेरिका के इस संगठन से बाहर निकलने से वो कई जरूरी जानकारियों से वंचित रह जाएगा। - Dainik Bhaskar

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस का कहना है कि अमेरिका के इस संगठन से बाहर निकलने से वो कई जरूरी जानकारियों से वंचित रह जाएगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने सदस्य देशों से अपील की है कि वो ट्रम्प पर वापस WHO जॉइन करने के लिए दबाव डालें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घेब्रेयसस ने पिछले हफ्ते विदेशी डिप्लोमेट्स की मीटिंग में कहा था कि ट्रम्प के WHO छोड़ने के फैसले से अमेरिका को ग्लोबल बीमारियों से जुड़ी की कई जरूरी जानकारी नहीं मिल पाएगी।

एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक WHO की पिछले हफ्ते हुई बजट बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि अमेरिका के बाहर निकलने से वो फंडिंग संकट को कैसे मैनेज किया जाएगा। दरअसल अमेरिका WHO का सबसे बड़ा दानदाता है। अमेरिका 2024-2025 के लिए WHO को करीब 958 मिलियन डॉलर देगा, जो उसके 6.9 अरब डॉलर के बजट का लगभग 14% है।

दरअसल डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद WHO से हटने से जुड़े एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर दस्तखत किए थे। ट्रम्प का आरोप है कि WHO ने कोरोना के संकट को सही से नहीं संभाला था। इसके अलावा अमेरिका इस एजेंसी को बहुत ज्यादा पैसा देता है जबकि इसका ज्यादा फायदा दूसरे देश उठाते हैं।

ट्रम्प ने 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करने का बाद अमेरिका को WHO से अलग कर दिया था।

ट्रम्प ने 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करने का बाद अमेरिका को WHO से अलग कर दिया था।

अमेरिका WHO को सबसे ज्यादा फंडिंग करता है

ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी कोरोना महामारी से निपटने के लिए WHO के उठाए कदमों की आलोचना की थी। इसके बाद उन्होंने अमेरिका को इस संगठन से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, हालांकि बाद में जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनते ही यह आदेश पलट दिया। अमेरिका WHO को सबसे ज्यादा फंडिंग करता है। 2023 में इस एजेंसी के बजट का 20% हिस्सा अमेरिका का था।

WHO का हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम्स खतरे में

WHO की बैठक में पेश किए गए एक दस्तावेज से पता चला कि वह हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम्स के लिए अमेरिका बहुत ज्यादा निर्भर है। उसके इमजरेंसी प्रोग्राम की लगभग 40% फंडिंग अमेरिका से ही होती है। अमेरिका के बाहर मिडिल ईस्ट, यूक्रेन और सूडान में पोलियो और HIV से जुड़े कई प्रोग्राम मुश्किल में पड़ गए हैं।

क्या है विश्व स्वास्थ्य संगठन?

  • WHO पब्लिक हेल्थ केयर का प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठन है। इसकी स्थापना दूसरे विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र के हिस्से के रूप में की गई थी। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है।
  • दुनियाभर में डब्ल्यूएचओ के 150 से ज्यादा कार्यालय हैं। इनमें करीब 7 हजार लोग काम करते हैं। हालांकि किसी भी सदस्य का अन्य देश पर कोई अधिकार नहीं होता है।
  • डब्ल्यूएचओ का मुख्य काम दुनिया को खतरों से अलर्ट करना, बीमारियों से लड़ना और हेल्थ केयर पॉलिसी तैयार करना है।
  • कोरोनावायरस जैसी इमरजेंसी के वक्त संगठन मार्गदर्शन देना, महामारी घोषित करना और वैज्ञानिकों को प्रकोप के बारे में जानकारी देने में मदद करना है।
  • बजट और फंड के कारण संगठन में अमेरिका और जर्मनी और ब्रिटेन जैसे ताकतवर राष्ट्र और गेट्स फाउंडेशन जैसी निजी संस्था को प्रमुखता दी जाती है।

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