Donald Trump Syria Visit; Al Qaeda Terrorist | Mohammed Bin Salman | अलकायदा के जिस आतंकी पर ₹84 करोड़ का इनाम था: ट्रम्प ने उसकी तारीफ की, कहा- वह बहुत काबिल; सीरिया पर लगे बैन क्यों हटाए


रियाद13 मिनट पहले

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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने अल-शरा के साथ बुधवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में मुलाकात की। उनके साथ क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी थे। - Dainik Bhaskar

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने अल-शरा के साथ बुधवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में मुलाकात की। उनके साथ क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी थे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को सीरिया पर लगाए गए सभी अमेरिकी प्रतिबंधों को खत्म करने का आदेश दिया। ट्रम्प ने कहा कि यह फैसला सीरिया को दोबारा तरक्की करने का मौका देगा।

आदेश के अगले ही दिन ट्रम्प ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से मुलाकात की। कभी टॉप मोस्ट वांटेड रह चुके शख्स से अमेरिकी राष्ट्रपति के मुलाकात की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।

अहमद अल-शरा पहले आतंकी संगठन अलकायदा की सीरियाई शाखा का चीफ रह चुका है। पहले उसका नाम अबु मोहम्मद अल-जुलानी था। उसने 2011 में सीरिया में कई आत्मघाती हमले कराए थे। अमेरिका ने उसके सिर पर 10 मिलियन डॉलर (करीब 84 करोड़ रुपए) का इनाम रखा हुआ था। यह सिर्फ 5 महीने पहले दिसंबर में हटाया गया था।

सीरिया के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (बाएं) भी मौजूद रहे। ट्रम्प के साथ सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा (दाएं)।

सीरिया के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (बाएं) भी मौजूद रहे। ट्रम्प के साथ सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा (दाएं)।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के साथ हाथ मिलाया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के साथ हाथ मिलाया।

अमेरिका ने दिसंबर 2017 में जुलानी पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था।

अमेरिका ने दिसंबर 2017 में जुलानी पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था।

ट्रम्प बोले- विदेशी आतंकियों को देश से बाहर निकालें अल-शरा

ट्रम्प ने अल-शरा से करीब 37 मिनट तक मुलाकात की। 25 साल के बाद यह पहला मौका था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीरियाई राष्ट्रपति से मुलाकात की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अल-शरा को लेकर कहा कि हैं। ट्रम्प ने कहा कि शरा युवा और आकर्षक हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अल-शरा से इजराइल के साथ संबंध सामान्य बनाने और सीरिया से विदेशी आतंकियों को निकालने को कहा है। अल-शरा ने भी ट्रम्प की तारीफ करते हुए कहा कि वे मिडिल ईस्ट में शांति लाने में सक्षम हैं।

अमेरिकी संसद में 2019 में पारित हुए एक कानून में प्रावधान है, जो राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि यदि वह किसी फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा हित में समझे तो वह किसी देश या शख्स पर लगे बैन को हटा सकता है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए सभी बैन हटा दिए हैं।

ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने इस फैसले को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन से बातचीत करने के बाद लिया। दोनों देशों ने सीरिया पर प्रतिबंधों को हटाने का खुले तौर पर समर्थन किया था।

असद पर अपने ही लोगों को मारने के आरोप, US ने बैन लगाया

अमेरिका ने सीरिया पर सबसे ज्यादा प्रतिबंध 2011 में गृहयुद्ध शुरू होने के बाद लगाए। असद सरकार ने विरोधियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई की थी। इसमें हजारों नागरिक मारे गए। सरकार पर हजारों नागरिकों को मारने के लिए रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने के आरोप लगे, जिसकी दुनियाभर में निंदा हुई।

अमेरिका ने असद सरकार पर हिजबुल्लाह जैसे संगठनों को समर्थन देने का आरोप लगाया। इसके अलावा सीरिया की नीतियों खासकर ईरान और रूस के साथ उसके गठजोड़ को भी अमेरिका ने पश्चिम एशिया में अस्थिरता की वजह माना। ऐसे में असद सरकार को अलग-थलग करने में अमेरिकी सरकार ने कई प्रतिबंध लगाए।

रॉयटर्स के मुताबिक सीरिया पर लगने वाले ये प्रतिबंध ऐसे थे, जिनकी वजह से सीरिया को दुनिया से आर्थिक, राजनीतिक और तकनीकी रूप से काफी हद तक काट दिया गया था।

दमिश्क दो इलाके में 21 अगस्त, 2013 को रासायनिक हथियारों से हमला हुआ था। इसमें 1,144 लोग मारे गए, जिनमें 99 बच्चे शामिल थे।

दमिश्क दो इलाके में 21 अगस्त, 2013 को रासायनिक हथियारों से हमला हुआ था। इसमें 1,144 लोग मारे गए, जिनमें 99 बच्चे शामिल थे।

आसान भाषा में समझें तो ये प्रतिबंध 5 तरह के थे…

1. पैसे और लेनदेन पर रोक

अमेरिका और उसके नागरिक या कंपनियां सीरिया के साथ कोई व्यापार या पैसे का लेनदेन नहीं कर सकते थे। सीरिया को डॉलर में लेनदेन करने की इजाजत नहीं थी, जिससे वह अंतरराष्ट्रीय व्यापार से लगभग कट गया था।2. तेल और गैस पर रोक

अमेरिका ने सीरिया के तेल और गैस क्षेत्र पर पाबंदी लगा दी थी। मतलब, कोई भी विदेशी कंपनी वहां निवेश नहीं कर सकती थी। अमेरिका का कहना था कि सीरिया सरकार तेल और गैस बेचकर मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल जंग में कर रही है। इसका नुकसान ये हुआ कि सीरिया की सबसे बड़ी कमाई का सोर्स ही बंद हो गया।

3. बैंकिंग और निवेश प्रतिबंध

सीरियाई बैंकों को SWIFT (सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटर बैंक फाइनेंसियल टेलीकम्यूनिकेशन) नेटवर्क से निकाल दिया गया था। यह वही नेटवर्क है जिससे दुनिया भर के बैंक एक-दूसरे को सुरक्षित रूप से पैसे ट्रांसफर करते हैं।

SWIFT से बाहर निकलने का मतलब था कि सीरिया कोई भी बैंक दुनिया के किसी भी बैंक के साथ लेन-देन नहीं कर सकता था। इसका नुकसान ये हुआ कि अमेरिका और दूसरे देशों के निवेशकों ने सीरिया में निवेश करना बंद कर दिया।

4. सैन्य और तकनीकी सामान पर रोक

अमेरिका ने सीरिया को किसी भी प्रकार के हथियार, गोला-बारूद, ड्रोन, मिसाइल सिस्टम या सैन्य वाहनों की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसी तकनीकें जो आम लोगों के साथ-साथ सैनिकों के इस्तामेल में काम आ सकती थीं, जैसे कि रडार, टेलीकम्युनिकेश सिस्टम, जीपीएस, हाई टेक इंजन सभी के निर्यात पर सख्त रोक लगा दी गई।

5. सीजर एक्ट के तहत कड़े कानून

अमेरिका ने 2019 में सीरिया पर सबसे सख्त एक्शन लेते हुए ‘सीजर सीरिया सिविलियन प्रोटेक्शन एक्स (सीजर एक्ट)’ लागू कर दिया था। इसमें प्रावधान यह था कि सीरिया के साथ काम करने वाली दूसरी देशों की कंपनियों पर भी कार्रवाई की जा सकती थी। इसकी वजह से NGO तक ने सीरिया में काम करना बंद कर दिया।

सीरिया की इकोनॉमी 84% सिमटी, बस 2 घंटे मिलती है बिजली

अमेरिकी प्रतिबंधों का असर यह हुआ कि सीरिया की इकोनॉमी 84% तक सिकुड़ गई। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक 2010 में सीरिया की इकोनॉमी 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर की थी। यह 2022 में घटकर 23.63 बिलियन डॉलर रह गई।

रॉयटर्स के मुताबिक सीरिया की 90% आबादी गरीबी रेखा से नीचे चली गई। फिलहाल देश में 1 करोड़ 20 लाख लोगों को रोज भरपेट खाना नहीं मिल रहा है। तेल और ऊर्जा पर प्रतिबंधों का असर ये हुआ है कि देश के ज्यादातर इलाके में सिर्फ 2 घंटे की बिजली उपलब्ध है।

तेल पर बैन से सीरिया को ₹9.1 लाख करोड़ का नुकसान

सीरिया 2010 में हर दिन 380,000 बिलियन बैरल तेल दूसरे देशों को बेचता था। अब यह लगभग शून्य हो चुका है। सीरिया के ऊर्जा मंत्रालय ने सितंबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र को भेजी गई एक रिपोर्ट में बताया था कि तेल पर लगे प्रतिबंधों की वजह से 2022 तक सीरिया को 107 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ।

व्यापार ठप होने से सीरिया में बड़े पैमाने पर तस्करी और ड्रग का बिजनेस बढ़ने लगा। खासतौर पर कैप्टागन ड्रग्स का उत्पादन बहुत बढ़ गया। यह ड्रग्स सीरिया और लेबनान के पास के इलाकों में बनते थे और सऊदी अरब जैसे देशों में भेजे जाते थे। सीरिया में युद्ध के कारण सरकार का नियंत्रण कमजोर हो चुका था, जिससे ड्रग्स के व्यापार में और भी इजाफा हुआ।

कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, सीरिया की सरकार और सीरियाई सेना भी तस्करी और ड्रग्स के व्यापार में शामिल थी। यह व्यापार सरकार के कुछ अधिकारियों के लिए पैसे कमाने का तरीका बन गया था। यह सीरिया के लिए एक बड़ा संकट था, क्योंकि इससे देश में अपराध बहुत ज्यादा बढ़ गया।

अहमद अल-शरा ने कैप्टागन की तस्करी को रोकने के लिए कड़ा रुख अपनाया है। देश में तस्करी करने वालों को कड़ी सजा दी जा रही है। उन्होंने इसे एक अपराध के रूप में पेश किया और यह कहा कि यह न केवल शरिया कानून के खिलाफ है, बल्कि सीरिया के भविष्य के लिए भी हानिकारक है।

सीरिया में फलों के भीतर छुपाकर कैप्टागन की तस्करी होती थी। (फाइल फोटो)

सीरिया में फलों के भीतर छुपाकर कैप्टागन की तस्करी होती थी। (फाइल फोटो)

1 दिन में 60% मजबूत हुई सीरियाई मुद्रा

सीरिया पर अमेरिकी प्रतिबंध हटने से देश की इकोनॉमी पर गहरा असर पड़ने की उम्मीद है। ट्रम्प के सीरिया पर बैन हटाने के ऐलान के बाद सिर्फ एक दिन में सीरियाई मुद्रा की दर में 60% का इजाफा हुआ। ट्रम्प की घोषणा से पहले ब्लैक मार्केट में 1 अमेरिकी डॉलर के बदले सीरियाई पाउंड की दर लगभग 15,000 थी। लेकिन घटकर लगभग 10,000 पाउंड प्रति डॉलर हो गई।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक बैन हटने से सीरिया में निवेश और व्यापार के नए अवसर मिल सकते हैं। सऊदी अरब, तुर्की और खाड़ी देशों जैसे सहयोगियों से निवेश की संभावना बढ़ेगी। बैन हटने से अंतरराष्ट्रीय संगठनों को सहायता प्रदान करना आसान होगा, जिससे आम सीरियाई लोगों के जीवन में सुधार हो सकता है। …………………………….

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