मायागंज अस्पताल स्थित पैथोलॉजी में इंचार्ज की कुर्सी को लेकर चल रही लड़ाई पर प्रबंधन ने विराम लगा दिया है। अधीक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा ने एनएमसी के गाइडलाइन पढ़ने के बाद साफ कर दिया कि अब पैथोलॉजी की इंचार्ज सिस्टर ही रहेंगी।
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उनके अंडर रहकर ही लैब टेक्नीशियन को काम करना होगा। अधीक्षक ने यह भी साफ कि उनसे भी गलत तरीके के पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिया गया था। लेकिन हमने इस मामले में गाइडलाइन पढ़ने के बाद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केके सिन्हा, आईसीयू के इंचार्ज डॉ. महेश कुमार, ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. रेखा झा के साथ मीटिंग की। इसके बाद तय हुआ कि गाइडलाइन में जो है, उसी का पालन किया जाएगा।
दरअसल, तत्कालीन अधीक्षक डॉ. केके सिन्हा ने 29 जनवरी को एक आदेश जारी किया था। इसमें लिखा था कि पैथोलॉजी में तैनात प्रयोगशाला प्रावैधिक राजीव रंजन सेंट्रल लैब में प्रभारी के रुप में कार्य करेंगे। वहीं परिचारिका श्रेणी ए की बीनू कुमारी अपना प्रभार राजीव को सौंप दें।
इस पत्र के बाद बीनु ने अपना प्रभार नहीं दिया तो दोबारा नए अधीक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा ने भी 11 फरवरी को 29 जनवरी के पत्र का हवाला देकर बीनू को प्रभार सौंपने कहा। पत्र में यह भी कहा कि अधिकारी के आदेश की अवहेलना है, इसलिए 24 घंटे के अंदर अपना प्रभार राजीव को सौंप दें। नहीं तो आपके विरुद्ध बिहार सेवा संहिता की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इस पत्र के बाद अधीक्षक को कंफ्यूजन हुआ तो उन्होंने मेट्रन रीता कुमारी को बुलाकर पूछताछ की। लेकिन वह भी स्पष्ट जानकारी नहीं दे सकीं, इसके बाद अधीक्षक ने एनएमसी के गाइडलाइन का खुद ही अध्ययन किया और अपने ही आदेश को रद्द कर नया आदेश जारी किया।