हम नहीं सुधरेंगे… त्योहार बिना शराब कैसे मनाएंगे। चाहे शराब पीने के बाद परिणाम जो भी हो… मौज में रुकावट नहीं आनी चाहिए। 14 व 15 मार्च इस साल लोगों ने दो दिन होली का त्योहार मनाया। दोनों दिन लोगों ने त्योहार के नाम पर जम कर हुड़दंग भी की। शराब के
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वहीं, करीब एक दर्जन मरीजों के हाथ व पैर टूटे हैं, जिनका इलाज अब भी अस्पताल में चल रहा है। दैनिक भास्कर ने रविवार को सड़क दुर्घटना में घायल होकर रिम्स में भर्ती 7 मरीज व उनके परिजनों से बात की। साथ ही अन्य मरीजों की हिस्ट्री रिम्स व सदर अस्पताल के रिकॉर्ड से ली। चिकित्सकों से बातचीत करने पर पता चला कि घायलों में 32 शराब के नशे में थे। 7 घायलों ने शराब नहीं पी थी, लेकिन शराबी के साथ बाइक में बैठे हुए थे। वहीं, 4 लोगों को दूसरों की गलती का खामियाजा भुगतना पड़ा। दूसरे ने आकर टक्कर मार दी।
इन घायलों का रिम्स में चल रहा इलाज…
- मंगल बेदिया 15 वर्षीय मंगल बेदिया दोस्त विनोद बेदिया के साथ बाइक में पीछे बैठा हुआ था। एक्सीडेंट के बाद माथे में गहरी चोट आई। कार का शीशा पैर में जा घुसा। रिम्स में 12 घंटे बेसुध था।
- तारकेश्वर कुमार : तारकेश्वर (23) सड़क हादसे में घायल हो गया। 14 मार्च की शाम रिम्स लाया गया। डॉक्टरों ने कहा, जब रिम्स लाया गया, तब भी उसके मुंह से शराब की बदबू आ रही थी।
- हलधर यादव: 40 वर्षीय हलधर यादव को 15 मार्च की रात 12 बजे रिम्स लाया गया। देवघर के रहने वाले हलधर को कार वाले ने टक्कर मार दी। अब भी उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
- विनोद बेदिया 21 वर्षीय विनोद बेदिया का गेतलसूद में एक्सीडेंट हो गया। वह त्योहार मनाने दोस्त के यहां जा रहा था। उसकी बाइक कार से टकरा गई। इससे पेट में चोट आई, बायां पैर टूट गया। रिम्स की इमरजेंसी में भर्ती है।
स्किन एलर्जी व इंफेक्शन के कारण भी हुई परेशानी
इधर, होली के दौरान जिले के अस्पतालों में आंखों में एलर्जी, स्किन में जलन, दाने व धब्बों की शिकायत लेकर काफी मरीज पहुंचे। त्योहार के कारण रिम्स व सदर अस्पताल की ओपीडी बंद रहने के कारण मरीजों को निजी अस्पताल जाना पड़ा। जबकि 7 मरीज ने रिम्स की इमरजेंसी में अपना इलाज कराया। डॉक्टरों के मुताबिक, होली के दौरान इस्तेमाल किए गए रंगों और केमिकल युक्त गुलाल के कारण लोगों को स्किन में रिएक्शन, आंखों में जलन और सांस संबंधी दिक्कतें हुईं।
फूड प्वाइजनिंग के तीन मरीज भी रिम्स में इलाजरत…
होली में तरह-तरह के पकवान, खानपान के कारण काफी लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार भी हुए। तीन मरीज शनिवार को रिम्स में भर्ती हुए। इनको उल्टी-दस्त, पेट में दर्द, एसीडिटी, चक्कर आने की शिकायत रही। डॉक्टरों ने बताया कि मौसम में परिवर्तन के कारण बासी खाना भी हानिकारक हो सकता है। आशंका है कि जो फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए थे, उन्होंने बासी पकवान का सेवन किया हो। हालांकि अब तीनों मरीज की स्थिति बेहतर है।