6 दिन पहले
- कॉपी लिंक

आज (18 अक्टूबर) धनतेरस है। मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी पर धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इसी वजह से यह तिथि धनतेरस के रूप में मनाई जाती है।
यह पर्व समुद्र मंथन से जुड़ा है। विष्णु पुराण, श्रीमद् भागवत पुराण के मुताबिक, देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र को मथा था। इस मंथन से हलाहल विष, चंद्रमा, महालक्ष्मी सहित 14 रत्न निकले थे। समुद्र मंथन और इससे निकले 14 रत्न हमें लाइफ मैनेजमेंट के 14 सूत्र बताते हैं। इन सूत्रों को जीवन में उतार लेने से हमारी सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं।
समुद्र मंथन: मेहनत के बाद अमृत यानी सफलता मिलती है
देवताओं और दानवों ने साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। दोनों ही अमृत पाना चाहते थे। इसके लिए मंदराचल पर्वत को मथनी और वासुकी नाग को रस्सी बनाया था।
मंथन की ये कहानी संघर्ष और टीम वर्क की प्रतीक है। इस कहानी में देवता और दानवों ने एक टीम बनकर काम किया, जिससे 14 दिव्य रत्न निकले। जब हम टीम वर्क के साथ एक लक्ष्य बनाकर मेहनत करते हैं, तब हमें सफलता जरूर मिलती है।
समुद्र मंथन के अंत में धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धन्वंतरि आयुर्वेद के भगवान हैं और अमृत अच्छी सेहत, लंबी उम्र का प्रतीक है। जब हम मन का मंथन करते हैं, तब बुरे विचार दूर होते हैं, मन शांत होता है। मन शांत रहता है तो हमारी सेहत अच्छी रहती है, हम अपने काम सही ढंग से कर पाते हैं, फिर धन और सुख-समृद्धि मिलती है।
अब जानिए मंथन से निकले 14 रत्न और उनका लाइफ मैनेजमेंट…













