Demand to set up processing unit of cumin and isabgol | जीरा, ईसबगोल की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की मांग: बाड़मेर सांसद ने लोकसभा उठाया मुद्दा, बोले-मंडी की स्थापना कर खरीद करें शुरू – Barmer News

बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने लोकसभा जीरा मंडी का मुद्दा उठाया। जिले में कृषि अनुसंधान संस्थान स्थापित करने, वर्तमान प्रगति और बजट स्वीकृत के साथ जीरा व ईसबगोल की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की मांग की। तारांकित सवाल के जवाब में कृषि और किसान

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इस क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना के लिए 15वें वित्त आयोग अवधि के दौरान 8.50 करोड रुपए का कुल बजट आवंटित किया गया। जिसमें से 2.5 करोड़ रुपए बुनियादी सुविधा विकास, उपकरण एवं कृषि उपकरणों आदि पर खर्च किया जाना प्रस्तावित है।

सांसद बेनीवाल ने कहा कि गुड़ामालानी में प्रस्तावित बाजरा अनुसंधान संस्थान स्थापित करने के लिए सरकार जल्द कार्य पूर्ण किया जाएं ताकि किसानों को इस अनुसंधान केन्द्र से फायदा मिले। केन्द्र स्थापित करने के लिए घोषणा के अनुसार करने के लिए सौ करोड़ का बजट खर्च करना था। लेकिन पूर्ववर्ती राजस्थान सरकार द्वारा दो साल पहले जमीन आवंटित करने के बाद भी सिर्फ 11 करोड़ बजट आवंटित कर पाई उसमें से अभी तक 20 प्रतिशत भी खर्च नहीं पाई।

बाड़मेर सांसद ने कहा कि जीरा मंडी स्थापित करना लंबित है।

बाड़मेर सांसद ने कहा कि जीरा मंडी स्थापित करना लंबित है।

बाड़मेर और जैसलमेर में जीरा मंडी स्थापित करना लंबित

केन्द्रीय कृषि और कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा बाड़मेर और जैसलमेर में नई मंडियों को खोलना राज्य सरकार के कार्यक्षेत्र में आता है। इसलिए पूर्ववर्ती राज्य सरकार कृषि विपणन नियंत्रण द्वारा दोनों जिलों में जीरा मंडी स्थापित करने के लिए प्रस्तावित किया गया हैं। राज्य सरकार से प्राप्त सूचना के अनुसार राजस्थान सरकार द्वारा 9 साल पहले कृषि उपज मंडी समिति, बाड़मेर में पहले ही एक जीरा मंडी स्थापित की गई जहां जीरा व्यापारियों, निर्यातकों, प्रसंस्करणकर्ताओं को 77 प्लॉट आवंटित किए गए हैं। जैसलमेर में जीरा मंडी स्थापित करने के लिए कृषि उपज मंडी समिति की मुख्य मंडी यार्ड में 20 प्लॉटों को चिह्नित किया गया है। संसद में दिए जवाब में बताया कि राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन के अंतर्गत जोधपुर संभाग में जीरा और ईसबगोल की निर्यातोन्मुखी प्रसंस्करण इकाइयां (प्रोसेसिंग यूनिट) स्थापित करने के लिए सरकार से सब्सिडी हेतु कुल दस आवेदन विचाराधीन लंबित है।

जल्द शुरू हो जीरा मंडी ताकि किसानों को मिले राहत

सांसद बेनीवाल ने कहा देश में कुल जीरा उत्पादन में से 52 प्रतिशत उत्पादन राजस्थान में होता है। इसमें से अधिकतम 80 प्रतिशत उत्पादन पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर और जैसलमेर क्षेत्र में होता है। यहां के स्थानीय किसानों को जीरे को प्रसंस्करण और बिक्री के लिए 300 किमी दूर गुजरात की ऊंजा मंडी ले जाया जाता है। जिसमें प्रति क्विंटल पच्चीस सौ से तीन हजार रुपये का खर्च आता है।

बेनीवाल ने कहा बाड़मेर में जीरा मंडी को स्थापित करने के लिए अनुमित मिले 9 साल बीत गए लेकिन धरातल पर नहीं उतर पाई जिस कारण किसानों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं। बाड़मेर की जीरा मंडी कागजों में उलझी हुई पड़ी हैं। आवंटित 14 बीघा भूमि पर जीरा मण्डी में विभिन्न निर्माण कार्य के लिए 12 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। लेकिन प्रशासन के ढुलमुल रवैए के कारण आवंटित 77 प्लॉट में से 67 की ही स्वीकृति कर पाई। जिससे मंडी शुरू नहीं हो पाई जिस कारण किसानों को बड़ी परेशानी करना पड़ रहा हैं।

बाड़मेर जिले में हर साल 16 अरब जीरे की पैदावार होती हैं। यहाँ मंडी नहीं होने पर किसानों को नहीं मिल रहे जीरे के भाव नहीं मिल रहे। साथ ही सरकार को बाड़मेर में जीरा-ईसबगोल के उत्पादन की क्षमता और किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बाड़मेर में जीरा तथा ईसबगोल प्रसंस्करण इकाई जल्द स्थापित करना चाहिए ताकि किसानों बड़ी आर्थिक राहत मिल सके।

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