Defence Ministry; Indian Army Navy | Air Force Weapons Procurement | तीनों सेनाओं के लिए 79,000 करोड़ के हथियार खरीदे जाएंगे: रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दी; इसमें एडवांस नाग मिसाइल सिस्टम और सुपर रैपिड गन शामिल

नई दिल्ली7 मिनट पहले

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रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को करीब 79,000 करोड़ रुपए के एडवांस हथियार और सैन्य उपकरण खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक में ये फैसला लिया गया।

इससे नाग मिसाइल खरीदी जाएंगी ताकि दुश्मन के टैंक और बंकर तबाह क‍िए जा सकें। लैंड‍िंग प्‍लेटफार्म डॉक्‍स बनाए जाएंगे ताक‍ि समुद्र से जमीन पर ऑपरेशन आसान हो सके। साथ ही एडवांस लाइटवेट टारपीडो की खरीद होगी, ताकि समंदर में पनडुब्‍ब‍ियों को ध्‍वस्‍त क‍िया जा सके। इसके अलावा सुपर रैपिड गन खरीदी जाएंगी।

इसमें नेवी, इंडियन आर्मी और एयरफोर्स के लिए कई महत्वपूर्ण सिस्टम शामिल हैं जिनका उद्देश्य सेना की क्षमता और तैनाती को बढ़ाना है। इससे पहले 5 अगस्त को करीब 67,000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी।

आधुनिक हथियार-उपकरण की तस्वीरें…

नेवल सरफेस गन

नेवल सरफेस गन

लैंड‍िंग प्‍लेटफार्म डॉक्‍स

लैंड‍िंग प्‍लेटफार्म डॉक्‍स

एडवांस लाइटवेट टॉरपीडो

एडवांस लाइटवेट टॉरपीडो

थल सेना :

  • थल सेना के लिए नाग मिसाइल सिस्‍टम (Tracked) Mk-II, खरीदा जाएगा, जो ट्रैक्ड व्हीकल्स पर चलेगा। ये मिसाइल दुश्मन के टैंक, बंकर और दूसरी मजबूत दीवारों का खात्मा करने में माहिर है।
  • दूसरा है ग्राउंड बेस्‍ड मोबाइल ELINT System (GBMES), जो 24 घंटे दुश्मन की हरकतों पर नजर रखेगा। ये सिस्टम दुश्मन के रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को पकड़कर सिक्योरिटी को मजबूत करेगा।
  • हाई क्‍वाल‍िटी मोबिल‍िटी वेह‍िकल, जो मैटेर‍ियल हैंडल‍िंग क्रेन के साथ होगा। ये गाड़ियां हर तरह के जंगली इलाकों में सामान पहुंचाने और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने में काम आएंगी। इससे सेना को हर मौसम और जगह पर फायदा होगा।

नेवी :

  • नेवी के लिए लैंड‍िंग प्‍लेटफार्म डॉक्‍स (LPDs) बनेगा, जो नेवी को समुद्र में बड़े ऑपरेशंस करने में मदद करेगा। ये शिप्स सेना को किनारे पर उतारने और एम्फीबियस ऑपरेशंस यानी समुद्र से जमीन पर करने में आसानी देंगे। साथ ही शांति मिशन, राहत कार्य और डिजास्टर मैनेजमेंट में भी सपोर्ट करेंगे।
  • इसके अलावा, 30mm नेवल सरफेस गन और एडवांस लाइटवेट टॉरपीडो भी मिलेंगे। इसे डीआरडीओ की नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजी लैब ने बनाया है, जो न्यूक्लियर और छोटी पनडुब्बियों को निशाना बना सकता है।
  • इसके साथ ही इलेक्‍ट्रो ऑप्‍ट‍िकल इंफ्रारेड सर्च एंड ट्रैक‍ सिस्‍टम और 76mm सुपर रैप‍िड गन माउंट के लिए स्मार्ट फायर कंट्रोल मशीन भी आएगी। इससे नेवी की फायरिंग पावर और सटीकता बढ़ जाएगी।
  • कोस्ट गार्ड को भी 30mm NSG से फायदा होगा, जिससे समुद्र में पाइरेसी और दूसरी गतिविधियों पर काबू पाना आसान होगा।

एयरफोर्स:

  • एयरफोर्स के लिए कोलैबरेट‍िव लांग रेंज टारगेट सेचुरेशन और डिस्‍ट्रक्‍शन स‍िस्‍टम खरीदा जाएगा। ये सिस्टम बिना पायलट के प्लेन को टेकऑफ, लैंडिंग, नेविगेशन, टारगेट डिटेक्शन और अटैक करने की ताकत देगा। यानी ये ऑटोनॉमस तरीके से दुश्मन पर हमला करेगा। इससे एयरफोर्स की स्ट्राइक पावर और बढ़ जाएगी।

रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ये नई खरीदें सिर्फ सेनाओं की ताकत और तैयारी नहीं बढ़ाएंगी, बल्कि राहत, बचाव और शांति मिशनों में भी काम आएंगी। इनमें से कई सिस्टम देश में ही बनाए गए हैं, जिससे देश की रक्षा तकनीक और उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।

सरकार ने बताया कि ये फैसले हाल की सुरक्षा चुनौतियों और सैन्य अभियानों को देखते हुए लिए गए हैं, ताकि देश की रक्षा और तैनाती क्षमता और मजबूत हो सके।

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