बिलासपुर जिले के रतनपुर में सोमवार को ऐतिहासिक रानी तालाब के गहरीकरण का कार्य जनभागीदारी में शुरू किया गया। जिला प्रशासन ने जिले में जनभागीदारी से तालाबों के गहरीकरण के लिए अभियान चलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पहले चरण में 40 तालाबों में यह अभिय
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कलेक्टर अवनीश शरण ने लोगों से अपील में कहा कि लोग बड़ी संख्या में इस अभियान से जुड़ें। जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए जल संरक्षण के लिए जिले के नगरीय निकायों और ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ जनभागीदारी से तालाबों के गहरीकरण का कार्य किया जा रहा है।

ग्रामीणों के साथ अफसरों ने भी बंटाया हाथ
जिला पंचायत सीईओ आरपी चौहान ने भी रतनपुर नगर पालिका के रानी तालाब और कोटा ब्लॉक के ग्राम चंगोरी पहुंचकर तालाब गहरीकरण कार्य में श्रमदान किया। एसडीएम कोटा युगल किशोर उर्वशा, तहसीलदार सहित अन्य कर्मियों और ग्रामीणों में इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया।
तालाबों की नगरी रतनपुर, एक नजर में
ऐतिहासिक नगरी रतनपुर में तालाबों को लेकर कई कहानियां हैं। पुरातत्व विभाग के संयुक्त संचालक रहे डॉ. राहुल सिंह के मुताबिक रतनपुर में 6 आगर 6 कोरी यानी 136 तालाबों का साक्ष्य है। नामचीन तालाबों में भीखमा, दुलहरा प्रमुख हैं।
भिखमा तालाब के बारे में किंवदंती है कि रतनपुर नरेश विंबाजी राव भोसले को स्वप्न में भगवान राम की अजानुबाहु प्रतिमा भिखमा तालाब में होने की जानकारी मिली। इसी आधार पर उन्होंने तालाब की खुदाई करवा कर मूर्ति निकलवाई और उसे रामटेकरी मंदिर में स्थापित किया।
