deepawali 2024, diwali 2024, old traditions about diwali, Sprinkle Gangajal in the house, put Bandanwar on the main entrance, light a diya near Tulsi | दीपोत्सव 29 अक्टूबर से: घर में करें गंगाजल का छिड़काव, मुख्य द्वार पर लगाएं बंदनवार और सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास जलाएं दीपक

  • Hindi News
  • Jeevan mantra
  • Dharm
  • Deepawali 2024, Diwali 2024, Old Traditions About Diwali, Sprinkle Gangajal In The House, Put Bandanwar On The Main Entrance, Light A Diya Near Tulsi

1 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

मंगलवार, 29 अक्टूबर से दीपोत्सव शुरू हो रहा है। इस दिन धनतेरस मनाई जाएगी। 30 अक्टूबर को रूप चौदस और 31 अक्टूबर को दीपावली, लक्ष्मी पूजा रहेगी। 1 नवंबर को स्नान-दान की कार्तिक अमावस्या रहेगी। 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 3 तारीख को भाई दूज मनाई जाएगी। माना जाता है कि दीपोत्सव के दिनों में किए गए शुभ काम से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और हमारे घर में वास करती हैं। लक्ष्मी की प्रसन्नता से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए लक्ष्मी जी की प्रसन्नता के लिए कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

रोज सुबह करें गंगाजल का छिड़काव

घर में पवित्रता और सकारात्मकता बनाए रखने के लिए गंगाजल का छिड़काव करने की परंपरा है। गंगाजल पूजनीय माना गया है। गंगाजल के स्पर्श मात्र से राजा भगीरथ के पूर्वजों को मोक्ष मिल गया था। गंगाजल की वजह से घर में देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है, ऐसी मान्यता है। गंगाजल न हो तो घर में गौमूत्र का भी छिड़काव कि जा सकता है।

मुख्य द्वार पर लगाएं बंदनवार

दीपोत्सव के पहले दिन यानी धनतेरस (29 अक्टूबर) की सुबह घर के मुख्य द्वार पर बंदनवार जरूर बांधें। बंदनवार आम, अशोक के पत्तों और फूलों से बनाई जाती है। मान्यता है कि बंदनवार घर में नकारात्मक ऊर्जा को आने से रोकती है। बंदनवार की वजह से घर का वातावरण सकारात्मक, पवित्र बना रहता है और ये दीपावली के लिए हमारे मन में उत्साह को भी बढ़ाती है।

रोज करें पंचदेवों की पूजा

शास्त्रों में पंचदेव बताए गए हैं, इन पांच देवताओं की पूजा हर शुभ काम की शुरुआत में की जाती है। पंचदेवों में भगवान गणेश, शिव, विष्णु, सूर्य और देवी दुर्गा शामिल हैं। गणेश जी को दूर्वा, शिव जी को बिल्व पत्र, विष्णु जी को तुलसी, सूर्य को जल और देवी दुर्गा लाल फूल चढ़ाएं।

इष्टदेव के मंत्रों का करें जप

घर के मंदिर में रोज पूजा करें। दीपक जलाएं और अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करें। मंत्र जप से मन शांत रहता है और मंत्रों की ध्वनी से घर में पवित्रता बनी रहती है।

गणेश मंत्र – श्री गणेशाय नम:

शिव मंत्र – ऊँ नम: शिवाय

विष्णु मंत्र – ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय

सूर्य मंत्र – ऊँ सूर्याय नम

दुर्गा मंत्र – दुं दुर्गायै नम:

लक्ष्मी मंत्र – ऊँ लक्ष्मी नम:

राम मंत्र – रां रामाय नम:

कृष्ण मंत्र – कृं कृष्णाय नम:

हनुमान मंत्र – श्रीरामदूताय नम:

सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास जलाएं दीपक

दीपोत्सव की रातों में घर के बाहर दीपक जलाने की परंपरा है। सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जरूर जलाना चाहिए। तुलसी को विष्णु प्रिया कहा जाता है, इस वजह से तुलसी के बिना विष्णु जी की पूजा पूरी नहीं होती है। तुलसी को रोज सुबह जल चढ़ाएं और शाम को दीपक जलाएं।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *