सीहोर जिला मुख्यालय पर गरीबों को 5 रुपए में भरपेट खाना खिलाने वाले दीनदयाल रसोई योजना बंद हो गई है। योजना के बंद होने का कारण पैसे की कमी है। जिसके चलते संचालक ने इस योजना को बंद कर दिया है।
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रसोई के संचालक प्रदीप शर्मा ने बताया कि पिछले 6 महीनों से अनुदान की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। अब यह राशि लगभग सात लाख तक पहुंच गई है, जिसके चलते रसोई में ताला लगाना पड़ा है। इस योजना के तहत गरीब लोग 5 रुपए में पेट भर भोजन कर सकते थे, लेकिन अब यह योजना बंद हो गई है। प्रदीप ने बताया कि हर दिन कई लोग इस योजना के फिर से शुरू होने की जानकारी पूछने आते हैं।
एक-दो दिन में रसोई को दोबारा शुरू करने की कोशिश
नगर पालिका के सीएमओ भूपेंद्र दीक्षित ने बताया कि दीनदयाल रसोई के संचालक समय-समय पर अनुदान राशि की मांग करते रहे हैं, लेकिन राशि आवंटन में देरी होने के कारण यह योजना बंद हो गई। उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों से पत्राचार किया गया है और जल्द ही एक-दो दिन में रसोई को फिर से चालू करने की कोशिश की जा रही है। 5 लाख का आवंटन आ गया है, जिसके बाद यह योजना फिर से शुरू हो जाएगी।
खाद्यान्न का आवंटन जारी
शहर में 6 माह से दीनदयाल रसोई योजना बंद है, लेकिन प्रशासन की ओर से योजना के लिए खाद्यान्न का आवंटन लगातार किया जा रहा है। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि अनुविभाग सीहोर, आष्टा, बुधनी के लिए गेंहूं 36 क्विंटल, चावल 9 क्विंटल मिला है। आवंटन के आधार पर अनुविभाग सीहोर को गेंहूं 12 एवं चावल 3 क्विंटल, आष्टा को गेंहूं 12 एवं चावल 3 क्विंटल और बुधनी को गेंहूं 12 एवं चावल 3 क्विंटल प्रदान किया गया है। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि गेहूं एवं चावल का प्रदाय 1 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से नगर पालिका को दिया जाएगा।