25 मिनट पहले
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राष्ट्रपति बशर असद को अपदस्थ करने वाले सीरिया के हयात तहरीर अल शाम (HTS) के विद्रोहियों ने कहा कि वे महिलाओं पर कोई धार्मिक ड्रेस कोड नहीं थोपेंगे। साथ ही उन्होंने सीरिया में सभी समुदाय के लोगों के लिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी देने की कसम खाई है।
एक पोस्ट में विद्रोहियों के जनरल कमांड ने स्पष्ट किया है कि महिलाओं के पहनावे में हस्तक्षेप करना या उनके कपड़ों से संबंधित किसी भी तरह की सख्ती पर प्रतिबंध है। बता दें कि अबू मोहम्मद अल जुलानी के नेतृत्व में एचटीएस के विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा करने के बाद संगठन छवि सुधारने में जुटा है। कभी अल कायदा का सदस्य रहे जुलानी अब खुद को दुनियाभर में सुधारवादी के रूप में पेश कर रहे हैं।
उधर ब्रिटेन ने कहा कि वे जल्द ही HTS को आतंकी संगठन की लिस्ट से हटाने के लेकर फैसला करेंगे। ब्रिटिश सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे पैट मैकफैडेन ने कहा कि सरकार HTS को ब्लैक लिस्ट से हटाने पर विचार कर रही है।
राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भागे सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद और उनके परिवार को राजीतिक शरण दी है। जबकि अमेरिका ने सीरिया में असद सरकार के पतन का स्वागत किया है।
रूस के राष्ट्रपति आवास के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने जानकारी दी है कि सीरिया के राष्ट्रपति को शरण देना पुतिन का निजी फैसला था। पेस्कोव ने कहा कि वह ये जानकारी नहीं देंगे कि असद को कहां ठहराया गया है। वहीं न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दावा किया है कि विद्रोहियों ने 6 महीने पहले ही तुर्किये को ये जानकारी दे दी थी कि वे असद का तख्तापलट करने वाले हैं।
तस्वीरों में सीरिया के हालात…
सीरिया में तख्तापलट के बाद असद के पिता हाफिज अल असद की मूर्ति पर झूलते हुए विद्रोही
राष्ट्रपति असद के देश छोड़ने के बाद सीरियाई नागरिक उनके आवास में घुस गए। नागरिकों ने राष्ट्रपति भवन में लूटपाट की और वहां मौजूद सामान अपने साथ ले गए।
सीरिया में असद सरकार के पतन के बाद सड़कों पर जश्न मनाते लोग।
सीरिया में असद सरकार के पतन के बाद दमिश्क की एक मस्जिद में लोगों को संबोधित करता विद्रोही गुट HTS का नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी
रविवार को दमिश्क में ईरानी दूतावास पर विद्रोहियों के हमले के बाद फर्श पर पड़ी ईरानी नेताओं की तस्वीरें।
सीरिया में विद्रोही लड़ाकों के कब्जे के बाद हजारों लोग भागते दिखे। इससे दमिश्क की सड़कों पर जाम लग गया।
सीरिया के विद्रोह में महिलाएं भी खुशी मनाने के लिए सड़कों पर उतरीं हैं, ऐसे में ये उम्मीद की जा रही है कि जो भी सरकार बनेगी उसमें बराबर के हक मिलेंगे।
दमिश्क में सड़कों पर जगह-जगह विद्रोही हाथ में बंदूकें लिए जश्न मना रहे हैं।
पश्चिम एशिया में आगे क्या एचटीएस के विद्रोहियों ने बशर अल-असद के परिवार के 50 साल के शासन को 11 दिनों में खत्म कर दिया। पश्चिम एशिया में हालात तेजी से बदल रहे हैं।
जानें क्या बदलेगा…
रूस: अब उत्तरी सीरिया में टाटर्स में नौसैनिक बेस और हमीमिम में रूसी एयर बेस गंवाना पड़ सकता है, जिससे पुतिन की पूर्वी भूमध्य सागर पर पकड़ कमजोर होगी। रूस के पास लीबिया का विकल्प है।
ईरान: ईरान पहले से कहीं अधिक कमजोर है। क्षेत्र में ईरान के प्रोक्सी एक के बाद एक हारते जा रहे हैं।
इजराइल: ईरान की ताकत कम होने से इजराइल का दबदबा बढ़ेगा।
तुर्किये: राष्ट्रपति एर्दोगन सतर्क हो गए। तुर्किये ने अमेरिका समर्थित सीरियनडेमोक्रेटिक फोर्स के ठिकानों पर हमले किए, इनमें 22 की मौत।
बच्चों पर बशर की क्रूर कार्रवाई से गृहयुद्ध भड़का सीरिया में बशर का पतन हो गया। उनका शासन पिता हाफिज अल-असद की विरासत पर आधारित था लेकिन वे कभी पिता की जगह नहीं ले पाए। लंदन में डॉक्टरी पढ़ रहे बशर 2000 में राष्ट्रपति बने तो उन्होंने हिंसा का सहारा लिया। 2011 में अरब क्रांति के बीच असद ने प्रदर्शन कुचलने के लिए स्कूली बच्चों को अगवा कर लिया। इन बच्चों को दमिश्क की कुख्यात खुफिया जेल में प्रताड़ित किया गया। इसके बाद बशर के खिलाफ गृहयुद्ध शुरू हुआ, जो अब उनके तख्तापलट के साथ खत्म हुआ।
सीरिया से असद सरकार के पतन को लेकर दुनिया बोली…
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11 दिन के भीतर सीरिया में असद परिवार को सत्ता से बेदखल करने के पीछे 42 साल का सुन्नी नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी है, जो दुनिया के सबसे क्रूर आतंकियों में से एक अबू बकर अल बगदादी का लेफ्टिनेंट रह चुका है। पढ़ें पूरी खबर…