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भाठागांव में खाली प्लॉट पर 7 साल बाद भी मकान बनाकर न देने वाले बिल्डर के विरुद्ध छत्तीसगढ़ रेरा ने फैसला सुनाया है। बिल्डर को मकान बनाने के लिए अलग-अलग किश्तों में 32 लाख से ज्यादा का भुगतान किया गया था। उसके बाद भी न तो मकान बनाकर दिया गया और न ही प
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प्रकरण के अनुसार बैकुंठपुर में रहने वाली श्यामवती पटेल का चंद्रा टाउन भाठागांव में 1395 वर्गफीट का प्लॉट है। उसे उन्होंने 32 लाख रुपए में खरीदा था। बिल्डर ने उनसे वादा किया किया कि वह इस प्लॉट में मकान बनाकर भी देगा। मकान बनाने के लिए उन्होंने नगर निगम से नक्शा भी पास करवा लिया था।
उनके प्लॉट पर 890 वर्गफीट में सिंगल मकान बनाने का उनके बीच अनुबंध हुआ। इसके लिए उन्होंने इंटरनेट बैंकिंग से 16 फरवरी 2017 को 50 हजार रुपए पहली किश्त के रूप में दिए। इसके बाद एसबीआई से लोन लेकर 13 नवंबर 2017 से 5 दिसंबर 2017 तक 20.43 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। इसके बाद बाकी की रकम भी जमा कर दी। मकान बनाने के लिए जो अनुबंध हुआ थाा उसके मुताबिक पीड़ित को केवल 7.53 लाख रुपए देने बाकी थे। इस रकम के बारे में तय हुआ था कि ये पैसे मकान बनने के बाद जब बिल्डर उन्हें हैंडओवर करेगा तभी इसका भुगतान किया जाएगा।
श्यामवती को 22 मार्च 2024 तक मकान का पजेशन नहीं दिया गया। इस दौरान उन्होंने बिल्डर अनेकों बार मिलकर पजेशन मांगा। हर बाद उन्हें टाल दिया गया। उसके बाद हताश होकर उन्होंने रेरा में आवेदन किया। बिल्डर ने दिया ये तर्क बिल्डर ने यह तर्क दिया कि उन्होंने प्लॉट बेचने के लिए एग्रीमेंट किया था उस पर मकान बनाकर देने का करार नहीं हुआ था। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद रेरा अध्यक्ष संजय शुक्ला ने फैसला दिया कि मकान निर्माण के लिए 32.43 लाख रुपए प्राप्त करने के बावजूद बिल्डर ने उन्हें मकान बनाकर नहीं दिया।
मकान नहीं मिलने की वजह से अनुबंध की शर्त का उल्लंघन हुआ है। इसलिए प्रोजेक्ट के संचालक को श्यामवती को प्लॉट की मूल रकम 32.43 लाख रुपए के साथ ही जुलाई 2019 से जुलाई 2024 तक ब्याज 17.59 लाख यानी कुल 50 लाख 2328 रुपए देने आदेश जारी होने के 45 दिनों के भीतर देने होंगे।
एसएमएस भेजकर प्लाटिंग करने वालों पर होगी सख्ती
नियमानुसार किसी भी तरह की प्लाटिंग के लिए सबसे पहले रेरा में पंजीयन कराना जरूरी है। अभी आचार संहिता खत्म होने के बाद लोगों को प्लॉट खरीदने के एसएमएस भेजे जा रहे हैं। जो नियमों के खिलाफ है। रेरा के पास भी ऐसे कई एसएमएस पहुंचे हैं। इस तरह के मोबाइल एसएमएस जिसमें संपर्क नंबर दिया गया है उनसे बुलाकर उनके बयान लिए जा रहे हैं।
रेरा अफसरों ने साफ कर दिया है कि जरूरत पड़ी तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी की जाएगी। ज्यादातर इस तरह के एसएमएस अवैध प्लाटिंग करने वाले भी भेजते हैं। एसएमएस में ऑफर के नाम पर सस्ती कीमत लिखते हैं। जिससे लोग उनके बहकावे में आ जाते हैं। ऐसे लोगों से एडवांस रकम ली जाती है और कहा जाता है कि पूरा पेमेंट होने के बाद ही रजिस्ट्री की जाएगी।
