Dams Water Level Drop ; BBMB Alarm States Irrigation Electricity Production Effect | Punjab | भाखड़ा और पौंग बांध में जलस्तर गिरा: ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने राज्यों को जल संरक्षण के लिए चेताया; संकट गहराने की आशंका – Amritsar News

भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने कम बारिश और बर्फबारी के कारण बांध में पानी की कमी पर चिंता जताई है। साथ ही पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान जैसे सदस्य राज्यों से पानी का प्रबंधन करने की अपील की है। क्योंकि बांध में भंडारण और आवक

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प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भाखड़ा और पौंग बांध में जलस्तर चिंताजनक रूप से गिर गया है। 20 नवंबर को भाखड़ा बांध का जलस्तर 1,633 फीट दर्ज किया गया, जो पिछले साल से 15 फीट कम है। फिलहाल भाखड़ा बांध अपनी कुल क्षमता का केवल 63% ही भंडारण कर पा रहा है।

पौंग बांध में जलस्तर 1,343 फीट है, जो पिछले साल से 18 फीट कम है। पौंग जलाशय की हालत भी खराब है, जहां जल भंडारण क्षमता से 50% कम है, जो सामान्य स्तर से करीब 15% कम है।

कम बारिश के बाद अब बर्फबारी ना होने से बढ़ी चिंता

BBMB के अनुसार, पानी की आवक में कमी का मुख्य कारण इस साल मानसून में बारिश की कमी और हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का न होना है। पश्चिमी हिमालय में अब तक पर्याप्त बर्फबारी नहीं हुई है। अक्टूबर के मध्य से बर्फबारी शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन यह अब तक नहीं हो पाई है।

वर्तमान में अनुमान है कि क्षेत्र में बर्फ की मात्रा लगभग एक बिलियन क्यूबिक मीटर है, जो सामान्य से 30% कम है। इसके अलावा, डैम में पानी की आवक जलवायु परिस्थितियों और पर्यावरणीय कारकों पर निर्भर करती है, जो इस वर्ष अनुकूल नहीं रही है।

बिजली उत्पादन व सिंचाई पर होगा असर

इस जल संकट का सीधा असर सिंचाई, घरेलू जल आपूर्ति और बिजली उत्पादन पर पड़ सकता है। भाखड़ा और पोंग डैम से सिंचाई के लिए पानी का उपयोग सीमित होने से किसानों को रबी की फसलों, विशेष रूप से गेहूं की खेती में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

साथ ही, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की आपूर्ति पर भी संकट मंडरा रहा है। इसके अलावा, डैम से हाइड्रोपावर उत्पादन में भी गिरावट आने की संभावना है, जिससे ऊर्जा संकट उत्पन्न हो सकता है।

पानी के प्रयोग पर सतर्कता बरतने की हिदायतें जारी

BBMB ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे पानी के उपयोग में सतर्कता बरतें और जल संरक्षण के उपाय अपनाएं। जलाशयों में जल स्तर पहले से ही सामान्य से कम है, और आगामी महीनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए गर्मियों में सिंचाई और घरेलू उपयोग के लिए जल वितरण की योजना अभी से बनानी होगी।

जलाशयों में गिरता जल स्तर और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव एक गंभीर संकट की ओर संकेत कर रहे हैं। BBMB ने स्पष्ट किया है कि जल संरक्षण और प्रबंधन को प्राथमिकता देने से ही इस संकट से निपटा जा सकता है।

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