daily Horoscope, Jupiter transit in cancer, guru grah kark rashi me vakri, guru grah ka rashifal | राशिफल- देवगुरु बृहस्पति ने बदली चाल: गुरु ग्रह कर्क राशि में हुआ वक्री, 11 मार्च को फिर से होगा मार्गी, जानिए आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा आने वाला समय

10 घंटे पहले

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देवगुरु बृहस्पति (गुरु ग्रह) इस समय कर्क राशि में है और 12 नवंबर को वक्री हो गया है। ये ग्रह ज्ञान, समृद्धि, धर्म और भाग्य का कारक माना जाता है। कर्क गुरु की उच्च राशि है। ग्रह का वक्री होना यानी उल्टा चलना। अब ये ग्रह 11 मार्च 2026 तक वक्री रहेगा और इस दौरान राशि बदलकर मिथुन में प्रवेश करेगा।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, गुरु ग्रह लगभग 120 दिनों तक वक्री रहेगा। वक्री काल में गुरु 5 दिसंबर को कर्क से मिथुन में प्रवेश कर लेगा। 11 मार्च 2026 को मार्गी होगा यानी सीधा चलने लगेगा। जानिए वक्री गुरु का सभी 12 राशियों पर कैसा असर हो सकता है…

आपकी राशि से चौथे भाव में गुरु वक्री है, ये पारिवारिक जीवन और माता के स्वास्थ्य पर ध्यान देने का समय है। कार्यक्षेत्र में चुनौतियां आ सकती हैं, लेकिन पुरानी योजनाओं पर काम करने से लाभ होगा।

  • वृषभ राशि

आपकी राशि से तीसरे भाव में गुरु वक्री है। ये स्थिति आपको वाणी में सुधार करने का संकेत दे रही है। धन संचय के लिए पुरानी योजनाओं की फिर से समीक्षा करनी पड़ सकती है, जो भविष्य में लाभदायक सिद्ध होंगी।

  • मिथुन राशि

गुरु आपकी राशि से दूसरे भाव में वक्री है, 5 दिसंबर को गुरु इसी राशि में आएगा। इस राशि के लिए व्यक्तित्व विकास और आर्थिक मामलों पर पुनर्विचार करने का समय है। वित्तीय स्थिरता के लिए पुरानी बचत योजनाओं पर फिर से काम करना पड़ सकता है।

  • कर्क राशि

गुरु इसी राशि में वक्री है, 5 दिसंबर को बारहवें भाव में आ जाएगा। ये आत्म-चिंतन, स्वास्थ्य पर ध्यान देने और अपने लक्ष्यों की समीक्षा करने का समय है। नए स्रोतों से लाभ हो सकता है। खर्च में कटौती करने का समय है।

  • सिंह राशि

इस समय गुरु आपकी राशि के बारहवें भाव में वक्री है। गुरु आपको आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित करेगा और खर्चों पर नियंत्रण करने का संकेत देगा। वक्री होकर ग्यारहवें भाव में जाने पर ये पुराने दोस्तों से लाभ दिला सकता है। अटका धन वापस मिल सकता है।

  • कन्या राशि

गुरु आपके ग्यारहवें भाव में वक्री है, 5 दिसंबर से दसवें भाव में आ जाएगा। ये अवधि आपके लिए भाग्यशाली है। करियर में प्रगति होगी, रुके हुए काम पूरे होंगे और वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। पुराने निवेश से भी लाभ होने के योग हैं।

  • तुला राशि

आपकी राशि से दसवें भाव में गुरु वक्री है, गुरु आपके करियर को प्रभावित करेगा। प्रगति धीमी रहेगी, लेकिन ये समय अपने लक्ष्यों को दुरुस्त करने का है। पुराने सहयोगियों से मुलाकात नए अवसर प्रदान कर सकती है।

  • वृश्चिक राशि

इस राशि से नवम भाव में गुरु वक्री है, गुरु आपके भाग्य और धर्म पर प्रभाव डालेगा। लंबी दूरी की यात्रा की योजना बन सकती है। उच्च शिक्षा से जुड़े लोगों को सफलता मिल सकती है। इसके बाद अष्टम भाव में जाने पर अचानक धन लाभ या हानि के योग बनेंगे, इसलिए सावधानी बरतें।

आपके आठवें भाव में गुरु वक्री होकर कर्ज और विरासत से जुड़े मामलों को सुलझाने का अवसर देगा। ये समय रिश्तों में चुनौतियों को सामने ला सकता है। किसी भी प्रकार के जोखिम भरे फैसले लेने से बचें।

गुरु आपके जीवनसाथी और व्यावसायिक साझेदारी के भाव (सप्तम) में वक्री है। पुराने मतभेद फिर सामने आ सकते हैं, जिन्हें धैर्य से सुलझाना होगा। अविवाहित लोग किसी पुराने साथी से दोबारा जुड़ सकते हैं। वित्तीय स्थिरता मिलेगी, खासकर पुराने निवेश या प्रॉपर्टी से लाभ हो सकता है।

  • कुंभ राशि

आपके छठे भाव में गुरु वक्री होकर ऋण, रोग और शत्रु से जुड़े मामलों को प्रभावित करेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लोगों को सफलता मिल सकती है। ऋण चुकाने के अवसर मिलेंगे, रोगों में राहत मिलेगी और शत्रु नुकसान नहीं कर पाएंगे।

आपकी राशि के पंचम भाव में गुरु वक्री है। गुरु आपको शिक्षा, संतान और प्रेम संबंधों पर पुनर्मूल्यांकन करने का मौका देगा। छात्रों के लिए समय अनुकूल है। प्रेम संबंध में पुरानी बातों पर विचार करके रिश्ते को मजबूत किया जा सकता है।

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