मां दुर्गा के दिव्य रूप के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ देखने काे मिली।
पूर्णिया में चैत्र नवरात्र पर आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम दिखाई दे रहा है। शहर के प्रसिद्ध रामकृष्ण मठ भट्टा बाजार में मां दुर्गा के दिव्य रूप के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है। महानवमी पर रविवार सुबह से ही मां की विशेष पूजा अर्चना का सिलसिला
.

मां दुर्गा के दर्शन करने महानवमी पर 10 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे।
रात 9 बजे मां दुर्गा को भोग लगाया गया
महानवमी पर कन्या पूजा को लेकर सुबह से ही मठ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। कन्या पूजा पर सुबह 9 बजे बड़ी तादाद में महिलाएं और लड़कियां रामकृष्ण मठ में जुटी। मां के जयकारे से पूरा पूजा पंडाल गूंजता नजर आया। रात 9 बजे मां दुर्गा को भोग लगाया गया। मां के दर्शन और महाआरती को देखने बड़ी तादाद में श्रद्धालु पूजा पंडालों में उमड़े। पूजा पंडाल का वातावरण भक्तिमय है। मां दुर्गा के दिव्य रूप के एक झलक पाने भर को बच्चे, नौजवान, महिला पुरुष और बूढ़े बुजुर्ग का तांता लगा है।

महानवमी को मां के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
98 सालों से चली आ रही है प्रथा
जयकारा शेरावाली दा बोल सांचे दरबार की जय, जय जय दुर्गे जैसी जयकारे से पूजा पंडाल गूंज रहा है। हलवा, खीर और बुंदिया प्रसाद के तौर पर श्रद्धालुओं को वितरित किया जा रहा है। मठ के पुजारी और अध्यक्ष स्वामी जितेंद्रानंद ने बताया कि यहां पहली बार साल 1927 में पांच दिनों का चैत्र नवरात्र दुर्गा पूजा किया गया था। तब से आज 98 सालों से ये प्रथा चली आ रही है। बंगाली रीति रिवाजों से देवी दुर्गाबी पूजा अर्चना की जाती है। हर साल की तरह इस साल भी चैत्र नवरात में वसंती दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है। इसे लेकर मठ को दुल्हन की तरह सजाया गया है। सप्तमी को मां कालरात्रि की पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पट खोले गए। हजारों श्रद्धालु अब तक देवी दुर्गा के दर्शन कर चुके हैं।

मां दुर्गा के दर्शन करते निर्दलीय सांसद पप्पू यादव।
वहीं मां के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि वे पिछले कई सालों से परिवार संग चैत्र नवरात्र पर रामकृष्ण मठ में स्थापित किए जाने वाली वासंती दुर्गा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। पूजा के दौरान मठ का नजारा देखते ही बनता है। मां के दिव्य स्वरूप के दर्शन मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।