नई दिल्ली13 मिनट पहले
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भविष्य में लोन पाने और नए क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए हम हाई सिबिल स्कोर मेंटेन करने की कोशिश करते हैं। इसके लिए हम ये ध्यान रखते हैं कि लोन और क्रेडिट कार्ड का पेमेंट सही समय पर हो। इसके बावजूद भी कई बार सिबिल स्कोर कम हो जाता है।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट बताते हैं कि सही समय पर पेमेंट के साथ क्रेडिट कार्ड होल्डर को ये भी ध्यान रखना चाहिए कि वो अपनी कार्ड लिमिट का 30% ही यूटिलाइज करें। 70% से ज्यादा लिमिट यूटिलाइजेशन पर क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।

इस स्टोरी में हम क्रेडिट स्कोर मेंटेन करने के लिए 4 जरूरी बातें बता रहे हैं…
- कार्ड लिमिट का 30% ही यूटिलाइज करें: हमेशा खर्च को लिमिट के 30% तक ही रखें। जैसे, 1 लाख रुपए लिमिट पर 30,000 रुपए तक ही खर्च करें।
- कार्ड लिमिट बढ़ाने के लिए अप्लाई करें:अगर आपकी इनकम स्टेबल है और पेमेंट हिस्ट्री अच्छी है, तो बैंक से लिमिट बढ़ाने के लिए रिक्वेस्ट करें।
- खर्च को अलग-अलग क्रेडिट कार्ड में बांटें: आपके पास एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड हैं तो रेगुलर बिलों को 2-3 कार्ड्स में बांट दें। इससे एक ही कार्ड का यूटिलाइजेशन रेश्यो नहीं बढ़ेगा।
- क्रेडिट कार्ड स्पेंडिंग का अलर्ट लगाएं: कार्ड के मोबाइल ऐप या SMS अलर्ट को सेट करें, ताकि खर्च 30% से ऊपर जाए तो आपको अलर्ट मिल सके।
कम क्रेडिट लिमिट के नुकसान
- बार-बार लिमिट पूरी करने से बैंक आपको फाइनेंशियली कमजोर समझते हैं।
- लोन या नए कार्ड की एप्लिकेशन रिजेक्ट हो सकती है।
- सिबिल स्कोर गिरने से भविष्य में लोन पाना मुश्किल होता है।
नेगेटिव रिकॉर्ड का प्रभाव 7 साल रह सकता है
भले ही आप मौजूदा समय में सभी भुगतान समय पर कर रहे हैं। लेकिन अगर पुराना रिकॉर्ड अच्छा नहीं है तो यह इसका असर 7 साल तक आपके क्रेडिट स्कोर पर दिख सकता है।
सिबिल स्कोर कैसे चेक करें?
सिबिल स्कोर आधिकारिक सिबिल वेबसाइट www.cibil.com पर फ्री में देखा जा सकता है। लेकिन, यह सुविधा साल में सिर्फ एक बार मिलती है। एक से ज्यादा बार सिबिल वेबसाइट से सिबिल स्कोर चेक करने के लिए 550 रुपए का मासिक सब्सक्रिप्शन प्लान लेना पड़ता है। इसके अलावा कई बैंकिंग सर्विस एग्रीगेटर्स भी सिबिल स्कोर चेक करने की सुविधा देते हैं।