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चुनाव संपन्न होने के बाद भागलपुर-खगड़िया को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण अगुवानी-सुल्तानगंज चार लेन गंगा पुल परियोजना में एक बार फिर तेजी दिखने लगी है। गंगा का जलस्तर घटने के साथ ही निर्माण एजेंसी एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने काम में गति लाई है। सबसे ज्यादा प्रगति एप्रोच रोड में दिख रही है। अगुवानी से पसराहा तक कुल 17 किलोमीटर लंबे एप्रोच पथ में अब तक करीब 3 किलोमीटर हिस्सा पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है, जबकि अगले 3 किलोमीटर हिस्से में ब्लैक टॉपिंग (कालीकरण) का कार्य अंतिम चरण में है।
एक माइनर ब्रिज सहित सभी व्हीकल अंडरपास (वीयूपी) बनकर तैयार हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। कंपनी अधिकारियों का दावा है कि एप्रोच पथ का काम तेज गति से चल रहा है और जल्द पूरा कर लिया जाएगा। 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शिलान्यास और 2015 में शुरू हुए इस पुल का मुख्य हिस्सा दो बार धराशायी होने के बाद मामला पटना हाईकोर्ट पहुंचा था, जहां कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए सख्त निर्देश दिए थे। वर्तमान में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है। मुख्य पुल के उस हिस्से की बात करें जो दो बार ढह चुका है, वहां अब नई तकनीक से पुनर्निर्माण होगा। आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ इंजीनियरों की सलाह पर नींव में जरूरी सुधार का काम शुरू कर दिया गया है। नया सुपरस्ट्रक्चर कंपोजिट स्टील बीम आधारित होगा, जो पहले के डिजाइन से कहीं ज्यादा मजबूत और सुरक्षित होगा। इस नए डिजाइन को तैयार करने में भारतीय रेलवे के अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) की तकनीकी मदद ली जा रही है। आरडीएसओ द्वारा अनुमोदित कार्यशालाओं में ही कंपोजिट स्टील गार्डर बनाए जा रहे हैं। सबसे राहत वाली बात यह है कि क्षतिग्रस्त हिस्से के पुनर्निर्माण पर सरकार का एक भी रुपया अतिरिक्त खर्च नहीं होगा। हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे के अनुसार एसपी सिंगला कंपनी यह सारा खर्च खुद वहन करेगी। परियोजना की प्रारंभिक लागत 1710 करोड़ रुपए आंकी गई थी।
अब नई तकनीक से बनेगा ढ़हा हिस्सा
