नवजोत सिंह सिद्धू और पत्नी नवजोत कौर सिद्धू
पूर्व मंत्री और क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू से शोरूम में इन्वेस्टमेंट और मोटे मुनाफे का झांसा देकर 10 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले आरोपी गगनदीप सिंह को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सरेंडर करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है
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नवजोत कौर के वकील करण सचदेवा ने बताया कि यह आदेश हाईकोर्ट की जस्टिस बेंच ने आरोपी द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान दिया गया है।
शिकायतकर्ता नवजोत कौर सिद्धू, जो पूर्व मंत्री और क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी हैं, की ओर से हाईकोर्ट में वकील करण सचदेवा ने पैरवी की। उन्होंने बताया कि आरोपी गगनदीप सिंह ने खुद को बिल्डर बताते हुए शो रूम में इन्वेस्टमेंट का झांसा दिया था और बड़े मुनाफे का वादा किया। इस विश्वास में नवजोत कौर ने 10 करोड़ रुपए निवेश कर दिए।
जब रकम लौटाने की बारी आई, तो आरोपी टालमटोल करता रहा और आखिरकार देश छोड़कर दुबई भाग गया। इस पर शिकायतकर्ता ने पटियाला पुलिस में ठगी की शिकायत दर्ज कराई, जिस पर FIR दर्ज कर ली गई।
अब कोर्ट ने आरोपी को एक हफ्ते में भारत लौटकर सरेंडर करने और पासपोर्ट जब्त करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई में आरोपी की अग्रिम जमानत पर फैसला होगा।

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट।
निवेश के नाम पर 10.35 करोड़ की ठगी
पटियाला की रहने वाली नवजोत कौर ने मोहाली के एक बिल्डर गगनदीप सिंह इस्पुजानी पर 10.35 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाया है। शिकायत के मुताबिक, गगनदीप ने खुद को Space Builders & Promoters और OTH Builders & Promoters का पार्टनर बताया और मोहाली व जीरकपुर में प्रोजेक्ट्स में निवेश करने का लालच देकर करोड़ों रुपये ले लिए।
शिकायतकर्ता नवजोत कौर ने बताया कि आरोपी से 2018 में लोकल बॉडीज विभाग, चंडीगढ़ में मुलाकात हुई थी। बातचीत के दौरान आरोपी ने उन्हें, उनके भाई अरविंदर सिंह और भाभी मैना ग्रेवाल को अपने प्रोजेक्ट्स में पैसा लगाने को कहा। भरोसा दिलाया कि अच्छा मुनाफा मिलेगा।
तीनों ने आरोपी की बातों में आकर अलग-अलग किस्तों में कुल ₹10.35 करोड़ रुपए कैश और बैंक ट्रांसफर के जरिए दे दिए। लेकिन जब पैसे वापस मांगे गए, तो आरोपी ने तीन चेक थमा दिए, जो बैंक में बाउंस हो गए।
इसके बाद 25 अगस्त 2023 को एक समझौता किया गया, जिसमें आरोपी ने रकम या प्रॉपर्टी लौटाने का वादा किया। इस समझौते के गवाह रमेश दुग्गल और गुरविंदर सिंह धामीजा थे। लेकिन आरोपी ने न तो रकम लौटाई, न ही कोई प्रॉपर्टी दी।